सीएसडीसी-लोकनीति-द हिंदू-तिरंगा टीवी-दैनिक भास्कर द्वारा 19 से 24 मार्च के बीच देश के 19 राज्यों में प्री-पोल सर्वे किया गया गया था। सर्वे के अध्ययन से यह पता चलता है कि बेरोजगारी देश के लोगों के बीच एक बड़ी चिंता है। यह देश की आर्थिक मंदी और कृषि संकट को दिखाता है। सर्वे में आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं। 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी आय इतनी कम है कि घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं, 47 प्रतिश लोग (50 प्रतिशत युवा और 53 प्रतिशत कॉलेज ग्रेजुएट) ने कहा कि विगत कुछ सालों में नौकरी पाना काफी मुश्किल हो गया है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछने पर 33% ने इसे ठीक-ठाक, 25% ने इसे बुरा और 34% अच्छा और बहुत अच्छा बताया। जनवरी 2014 में अच्छा बताने वालों की संख्या 26 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई। वहीं, यह संख्या उस 19 प्रतिशत से काफी ज्यादा है, जिन्होंने मई 2014 में मोदी सरकार बनने से पहले देश की अर्थव्यवस्था को काफी अच्छा बताया था। यूं देखा जाए तो आधे से अधिक लोगों की यह राय है कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं।

सर्वे में एक बात और सामने आयी है कि अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में बताने वाले तीन में से 2 लोग भाजपा सरकार को एक और कार्यकाल देने के पक्ष में में हैँ। वहीं, जिन लोगों ने अर्थव्यवस्था को ठीक-ठाक बताया, उनमें से 46 प्रतिशत लोग ही चाहते हैं कि मोदी सरकार दुुबारा सत्ता मे आए। इसके बाद बचे मात्र 36 प्रतिशत लोग यह नहीं चाहते कि मोदी सरकार दुबारा सत्ता में वापस आए।

सर्वे के दौरान पूछा गया, ‘मोदी सरकार के पांच वर्षों में रोजगार के मौके बढ़े या घटे?’ इसके जवाब में 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रोजगार के मौके कम हुए। 25 प्रतिशत लोगों का विचार था कि रोजगार के मौके में वृद्धि हुई। वहीं, मई 2014 मं 33 प्रतिशत लोगों ने कहा कि था कि यूपीए के शासन काल में रोजगार के मौके कम हुए और 19 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि रोजगार के मौके में वृद्धि हुई है।