मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दो सीटों पर जीत दर्ज की है। बीकानेर जिले की श्री डूंगरगढ़ और हनुमानगढ़ जिले की भद्रा सीट पर माकपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। माकपा पोलित ब्यूरो ने राज्य में पार्टी के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए मतदाताओं को धन्यवाद दिया। पोलित ब्यूरो ने कहा कि भाजपा सरकारों ने जनहित से जुड़ी नीतियों को बढ़ावा देने के बजाय जनता की परेशनियां बढ़ाते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ाने की ओर लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश की, जिसे जनता ने नकार दिया। राजस्थान में माकपा के पार्टी सचिवालय सदस्य रविंद्र शुक्ला ने बताया कि श्री डूंगरगढ़ और भद्रा सीट पार्टी ने पहली बार जीती हैं। श्री डुंगरगढ़ से गिरधारी लाल मोइया 72 हजार मत लेकर विजयी रहे। वहीं, भद्रा से बलवान पुनिया ने जीत दर्ज की।
शुक्ला ने बताया कि पिछली विधानसभा में हमारे पास एक भी सीट नहीं थी। इस बाद भी हमने पूरे पांच साल जमीन पर काम किया और राजस्थान में बड़े आंदोलन किए। इनमें किसानों के आंदोलन प्रमुख थे जिनकी वजह से हमें यह सफलता मिली। शुक्ला ने कहा कि हमने किसान आंदोलन में पानी, बिजली और फसल के भाव को प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की आर्थिक नीतियों में बिलकुल भी अंतर नहीं है। वहीं, भाजपा सांप्रदायिक और हिंदुत्व की राजनीति करती है जिसे लोग अब नकारने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले जनता ने भाजपा को आईना दिखाने का काम किया है। उनके मुताबिक राजस्थान में लोकसभा सीट निकालने के लिए उनकी पार्टी अभी से ही रणनीति बनाकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे दो सदस्य विधानसभा में शोषित, मजदूर और किसानों की आवाज मजबूती के साथ उठाएंगे। पार्टी का एक उम्मीदवार दूसरे जबकि सात सीटों पर माकपा के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। शुक्ला के मुताबिक माकपा को 1975 से राजस्थान में कम से कम एक सीट मिलती रही है। वहीं 2008 के चुनाव में पार्टी को तीन और 2013 में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी।