कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के बीच केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर जल्द दूसरे दौर की वार्ता होगी। पिछले सप्ताह हुई पहले दौर की बातचीत में दोनों दल किसी सहमति पर नहीं पहुंच सके थे। नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन का उद्देश्य भाजपा की सीटें कम करना है।
विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल कांग्रेस और नेकां सीट बंटवारे के मसले को जल्द हल करना चाहते हैं। नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि दोनों दलों के बीच चर्चा का एक दौर हो चुका है। कांग्रेस की ओर से कुछ प्रस्ताव रखे गए थे, जिन पर नेशनल कान्फ्रेंस के भीतर चर्चा की जरूरत थी। कांग्रेस के प्रस्तावों में से एक को नेशनल कान्फ्रेंस के नेतृत्व से स्वीकृति नहीं मिली है। दूसरे दौर की वार्ता में इस पर नए सिरे से चर्चा की जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लोकसभा की छह सीट हैं, जिनमें से तीन सीट नेकां के पास हैं। वर्ष 2019 के आम चुनाव में नेशनल कान्फ्रेंस ने श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग सीट जीती थीं, जबकि भाजपा जम्मू, उधमपुर और लद्दाख पर विजयी रही थी। इसलिए नेकां केवल तीन सीट पर चर्चा कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दौर की चर्चा में सीट-बंटवारे पर अंतिम फैसला हो जाएगा।
उमर ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन का उद्देश्य केवल भाजपा की सीट कम करना है, न कि गठबंधन सदस्यों की सीट कम करना। गठबंधन में शामिल सभी दलों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि इस बार भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करना है। केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में पूछे जाने पर उमर ने उम्मीद जताई कि अगले महीने निर्वाचन आयोग के जम्मू- कश्मीर दौरे से कुछ अच्छी सूचना मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। यह अब दसवां साल है। उच्चतम न्यायालय भी इस पर निर्देश दे चुका है।