पांच चुनावी सूबों में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एक्शन में आ गई हैं। मंगलवार को एक घटनाक्रम के तहत सोनिया ने पांचों चुनावी सूबों के प्रमुखों से इस्तीफा देने को कहा है। उनका कहना है कि पार्टी को इनमें नए सिरे से खड़ा करना होगा। इसके लिए संगठन में आमूलचूल परिवर्तन किए जाने की बेहद ज्यादा जरूरत है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व हार को बेहद गंभीरता से ले रहा है। कांग्रेस का एक समृद्ध इतिहास रहा है। ऐसे में पार्टी लड़ाई से भी बाहर हो जाए, ये बात समझ से परे है। उनका कहना था कि सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में भी इस बात पर चर्चा हुई थी कि पार्टी को फिर से ताकतवर बनाने के लिए क्या किया जाए। सभी का कहना था कि सख्त फैसले लेने होंगे।
चुनाव 2022 के तहत यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में चुनाव हुए थे। यूपी में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी पर दांव खेला था तो उत्तराखंड में हरीश रावत पार्टी की कमान संभाले थे। गोवा में चिदंबरम को जिम्मा सौंपा गया वहीं पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू की जोड़ी मैदान में थी। लेकिन न तो यूपी में प्रियंका का कोई जादू दिखा और न ही पंजाब में चन्नी हिट हो सके। उत्तराखंड और गोवा में पार्टी को उम्मीद थी कि उसकी सरकार इस बार बन जाएगी पर दोनों ही जगहों पर बहुत ज्यादा मायूसी का सामना करना पड़ा।
Congress President, Smt. Sonia Gandhi has asked the PCC Presidents of Uttar Pradesh, Uttarakhand, Punjab, Goa & Manipur to put in their resignations in order to facilitate reorganisation of PCC’s.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 15, 2022
हालात इतने बदतर रहे कि पंजाब में जहां कांग्रेस की सरकार थी वहां उसे महज 18 सीटों पर सिमटना पड़ गया। खास बात है कि सत्ता गंवाई भी तो आप के हाथों, जो खुद को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश करने लगी है। उत्तराखंड में पार्टी लड़ाई में ही नहीं दिखी तो यूपी में कोई वजूद ही नहीं दिखा। गोवा में चिदंबरम के तमाम दावों के बावजूद कांग्रेस बीजेपी को बहुमत जुटाने से नहीं रोक सकी।
रविवार की वर्किंग कमेटी की बैठक में इन सभी बातों पर गहन चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि बागी नेताओं के तीखे तेवर देख सोनिया एक्शन में आई हैं। उन्हें भी लग रहा है कि परदे के पीछे बैठी रहीं तो पार्टी ही हाथ से निकल सकती है। बागी नेता हार पर कोहराम जो मचा रहे हैं।