Sitapur Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश की सीतापुर लोकसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है। इतना ही नहीं सीतापुर लोकसभा सीट में शामिल पांच विधानसभा सीटों में से चार पर बीजेपी का कब्जा है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या बीजेपी 2024 में इस सीट से जीत की हैट्रिक लगा पाएगी।
2019 में बीजेपी प्रत्याशी राजेश वर्मा ने नकुल दुबे को हराया-
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी राजेश वर्मा बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे को एक लाख से ज्यादा मतों से मात दी थी। भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने 5,14,528 मत प्राप्त किए थे। वहीं बसपा प्रत्याशी नकुल दुबे 4,13,695 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। बसपा से कांग्रेस का दामन थामने वाली कैसर जहां 96018 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहीं थी।
2014 में भी बीजेपी प्रत्याशी राजेश वर्मा ने जीत हासिल की थी-
लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी प्रत्याशी राजेश वर्मा ने जीत हासिल की थी। राजेश वर्मा ने बसपा प्रत्याशी कैसर जहां को मात दी थी। कैसर जहां दूसरे पर नंबर रही थीं। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भरत त्रिपाठी तीसरे नंबर पर रहे थे। जबकि कांग्रेस की बैशाली चौथे स्थान पर रहीं थीं।
सीतापुर लोकसभा सीट का इतिहास-
सीतापुर लोकसभा सीट पर पहली बार आम चुनाव साल 1952 में हुआ था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई की पत्नी उमा नेहरू इस सीट पर जीत हासिल करने वाली पहली सांसद थीं। इसके बाद उन्होंने 1957 में जीत का डंका बजाया। हालांकि, 1962 के चुनाव में जनसंघ के उम्मीदवार सूरजलाल वर्मा के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। पिछली दो आम चुनाव में यहां बीजेपी के राजेश वर्मा जीत रहे हैं। उनके सामने इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है।
18 लाख मतदाता-
सीतापुर लोकसभा सीट का अधिकतर हिस्सा ग्रामीण है। इस सीट पर करीब 18 लाख वोटर्स हैं। इनमें से 81 प्रतिशत वोटर ग्रामीण हैं, जबकि शहरी एरिया मात्र 19 फीसदी ही है।
जातीय समीकरण-
जातीय समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर करीब 27 फीसदी दलित वोटर हैं। इसके साथ ही कुर्मी वोटर्स की संख्या करीब 12 फीसदी है। अन्य पिछड़े वर्गों की तादाद भी 28 प्रतिशत के आसपास है। ऐसे में गांवों में रहने वाले दलित- पिछड़े वोटर किसी भी उम्मीदवार को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
क्या जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे राजेश वर्मा?
बीजेपी ने एक बार फिर राजेश वर्मा को इस सीट से टिकट दिया है। ऐसे में देखने लायक बात होगी कि वे इस सीट पर अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर पाते हैं या नहीं। बसपा और कांग्रेस ने इस सीट से अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में देखने लायक बात होगी कि इस सीट पर विपक्ष किस उम्मीदवार पर दांव लगाता है।