इस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूची भाजपा ‘गठबंधन’ को अपवित्र बता रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र के रायगढ़ में होने वाले जिला परिषद एवं पंचायत समिति के चुनाव में कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। यह कितना पवित्र गठबंधन है? रायगढ़ में दोनों ही पार्टियों के स्थानीय नेता यह सफाई दे रहे हैं कि गठबंधन स्थानीय स्तर पर हुआ है। इसमें न तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल हैं और न ही महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण।
यहां लोग उस वक्त अपनी आंख मलने लगे, जब उन्होंने स्थानीय प्रत्याशियों के पोस्टरों और बैनरों पर दिवंगत शिवसेना नेता बाल ठाकरे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीरों को एक साथ देखा। इनमें लोगों से कांग्रेस-शिवसेना को मत देने की अपील की गई है। रायगढ़ में चुनाव 21 फरवरी को होने हैं। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से कांग्रेस का राज्य नेतृत्व बिफरा हुआ है और उसने जिला नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी है।
गंभीर दिख रहे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, “हमने इस पर जानकारी मांगी है। पार्टी की स्थानीय इकाई ने राज्य नेतृत्व की अनुमति के बिना यह कदम उठाया है। हम मामले को देख रहे हैं।” भाजपा ने इस गठबंधन की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता मोहन भंडारी ने अपना यह पुराना बयान दोहराया कि राज्य में हो रहे स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस व शिवसेना के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ हो चुकी है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने ‘मैच फिक्सिंग’ के आरोप को सिरे से खारिज किया है। उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सहयोगी भाजपा पर वार का एक भी मौका नहीं चूक रहे हैं।
उद्धव ठाकरे का ऐलान- मुंबई निगम चुनाव में अकेले लड़ेगी शिवसेना
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (26 जनवरी) को ऐलान किया था कि नगर निगम चुनावों में उनकी पार्टी अकेले उतरेगी लेकिन इस बारे में कुछ नहीं बताया कि राजग सरकार में उनका दल गठबंधन सहयोगी बना रहेगा या नहीं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा के साथ कोई भी रहे लेकिन राज्य में परिवर्तन आएगा। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उद्धव ने शिव सेना के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए अपने आक्रामक भाषण में खाद्यी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की तस्वीरें नहीं छापने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के मुद्दे को भी उठाया। उपनगर गोरेगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘मुझे भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया। शिवसेना 50 साल पुरानी है। हालांकि गठबंधन (भाजपा के साथ) में हमारे समय के 25 साल सबसे खराब रहे। हमने हिंदुत्व के मुद्दे पर हमेशा आपकी (भाजपा) सराहना की। शिवसेना का जन्म सत्ता के लिए नहीं हुआ लेकिन अगर कोई भी शिवसेना को कमजोर आंकने की भूल करेगा तो हम उसे उखाड़ फेंकेंगे।’

