Karnataka Assembly Election Result 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आ जाएंगे। इस बार राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी और कौन सा दल विपक्ष में बैठेगा, इसको लेकर मीडिया के साथ-साथ आम जनता भी अपने स्तर से कई तरह के कयास लगा रही है। राज्य के हावेरी जिले के शिगगांव विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा से मौजूदा विधायक और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) चुनाव मैदान में थे। वह चौथी बार यहां से विधायक बनने के लिए लड़ाई में हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने मोहम्मद यूसुफ सवानूर (Mohammed Yousuf Savanur) को प्रत्याशी बनाया था। जनता दल (सेक्युलर) से शशिधर चन्नबसप्पा यलीगर (Sashidhar Channabasappa Yaligar) मैदान में हैं।हालांकि भाजपा के बसवराज बोम्मई मजबूत स्थिति में हैं, लेकिन मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय बहुल इस सीट पर इस बार बदलाव होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
शिगगांव सीट पर जातिगत स्थिति
शिगगांव विधानसभा सीट पर हिंदू मुस्लिम और एससी समुदाय के लोग ज्यादा हैं। मुस्लिम समुदाय के अलावा दूसरे अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या 70,000 से ज्यादा है। यह निर्वाचन क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण है और इसमें किसान और दूसरे पेशे से जुड़े लोगों की मिली-जुली आबादी है। यहां चुनावी समीकरण जाति और समुदाय, आर्थिक और विकास के मुद्दों, उम्मीदवारों की व्यक्तिगत लोकप्रियता और छवि समेत विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है। यहां कुल 2,09,629 मतदाता हैं। इनमें 73 फीसदी हिंदू, 24 फीसदी मुसलमान और 0.08 फीसदी ईसाई हैं। शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र लिंगायत समुदाय, मुसलमान और अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में से है।
पिछले चुनाव 2018 में भाजपा ने कांग्रेस से छीनी थी सीट
2018 के कर्नाटक विधान सभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बसवराज बोम्मई को शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के हनुमंथप्पा डोड्डामणि (Hanumanthappa Doddamani) को 2,471 मतों के अंतर से हराया। बासवराज बोम्मई को बाद में कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। वह वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस के हनुमंथप्पा डोड्डामणि ने भाजपा के एसआई चिकनगौड्रा (SI Chikkanagoudra) को हराकर सीट जीती थी।
शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र को कर्नाटक के उत्तरी जिलों के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है और यह भाजपा का गढ़ है। शक्तिशाली कांग्रेसी नेता एस निजलिंगप्पा 1967 में शिगगांव से निर्विरोध चुने जाने के बाद एकीकृत कर्नाटक के पहले मुख्यमंत्री बने थे। 1999 से पहले यह निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ था।