आस्था सक्सेना
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर अभी भी अनिश्चिता बरकरार है। इस बीच दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अगर आलाकमान गठबंधन करने का फैसला करता है, तो हम स्वतः ही इसे स्वीकार कर लेंगे।” बता दें कि इसके पहले शीला दीक्षित ने कहा था कि उनकी पार्टी और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं होगा। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी द्वारा गठबंधन पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
कांग्रेस का एक धड़ा ‘आप’ से गठबंधन के पक्ष में: बता दें कि जहां शीला दीक्षित, कांग्रेस और आप के गठबंधन के खिलाफ रहीं हैं तो वहीं पार्टी के कई नेता इसके पक्ष में बताए जा रहे है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “दिल्ली कांग्रेस इकाई के 14 जिला अध्यक्ष और चार पूर्व अध्यक्ष ‘आप’ के साथ गठबंधन करने के पक्ष में हैं। शीला जी और कुछ नेता इस विचार के समर्थन में नहीं हैं। मैं उन सभी की राय पर राहुल जी के पास गया और उनसे अनुरोध किया कि वे एक निर्णय लें जो पार्टी के लिए अनुकूल हो।”
नेताओं ने राहुल को बताया अपना रूख: बताया जा रहा है कि शीला दीक्षित और दूसरे नेताओं ने भी राहुल को पत्र लिखकर गठबंधन पर अपना रुख बताया है। गठबंधन पर 52,000 दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय लेने के लिए हाल ही में पार्टी के शक्ति ऐप के माध्यम से एक आंतरिक सर्वेक्षण किया गया था। इस सर्वे के नतीजे राहुल को दिए गए हैं। जिसपर अंतिम निर्णय राहुल गांधी को लेना है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एक बार गठबंधन पर फैसला होने के बाद कांग्रेस की दिल्ली इकाई सीट-बंटवारे पर काम करेगी। हालांकि चर्चा है कि दोनों दल कुल सात लोकसभा सीटों में से तीन- तीन सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। जबकि सातवीं सीट पर संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाएगा। गौरतलब है कि दोनों ही दल नई दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस इस सीट से अजय माकन को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं।

