Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार जोर पकड़ने के साथ ही नेताओं के विवादित बयान भी सामने आ रहे हैं। इस क्रम में नया नाम राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी का भी जुड़ गया है।
अपने विरोधी दल पर निशाना साधते हुए ‘छोटे चौधरी’ के बेटे जयंत के बेटे ने विवादित बयान दिया। बागपत से उम्मीदवार ने एक सभा में जयंत ने कहा, ‘ये आपको शराबी कहें, ये आपको मिलावट कहें, तो मैंने भी इनके लिए नाम सोच रखा है… मैं गाली तो नहीं देना चाहता इनको लेकिन ये बहुत बहुत बहुत बड़े जूतिए हैं, जूतिए, बहुत जूतिया पार्टी है।’
जयंत ने कहा, ‘हो सकता है ये कल कहें कि फिसल गए चौधरी साहब’ जयंत का यह वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। मालूम हो कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए मतदान 11 अप्रैल को होना है। जयंत अपनी सभा में लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।
#WATCH Jayant Chaudhary, RLD: Yeh aapko sharaabi kahein, yeh aapko milavat kahein, to maine bhi inke liye naam soch rakha hai…Main gaali to nahi dena chahta inko lekin yeh bahut bahut bahut bade jutiye hain, jutiye, bahut jutiya party hai. (30/3/19) pic.twitter.com/kKIDGtT5wY
— ANI (@ANI) April 1, 2019
इससे पहले एक सभा में जयंत ने कहा था कि पिछले पांच सालों में सिर्फ जुमले ही बोले जा रहे हैं। जमीन पर विकास कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। शामली में जनसभा को संबोधित करते हुए जयंत ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में 1500 करोड़ रुपये का आलीशान पार्टी कार्यालय बनवाया है। पिछली बार हम कोई तोड़फोड़ करके नहीं आए थे।
अगर अगली बार बीजेपी कोई चूक करती है तो अजीत सिंह ऐलान करेंगे। हम लोग दिल्ली चलेंगे और भाजपा कार्यालय की एक-एक ईंट उखाड़ देंगे। इस वीडियो पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक यूजर @Rahul0427111 ने कहा कि जयंत चौधरी बहुत बड़ा केजरीवाल है।
एक अन्य यूजर @aksingh77 ने लिखा, ‘ये भी उन नेताओं में से है जो अपने काबलियत के बल पर अपने पार्टी में चपरासी भी नही बन सकते लेकिन वंशवाद के चलते नेता बने फिर रहे हैं।
ये शायद भूल गए इनके पिता चौ अजीत सिंह ही वो शख्स थे जिनके हारने की खबर 2014 के चुनाव में सबसे पहले आई थी वो भी जाट बाहुल्य सीट बागपत से। फिर हारेंगे।’
वहीं @pankajlal13 ने कहा, ‘यह वही @jayantrld है न, जो जाटों की समस्याओं पर कल परसों कह रहा था कि मैंने जाटों का ठेका नहीं ले रखा है। बिल्कुल बाबू, ठेका लेने के लायक हो भी नहीं तुम। बाप की फसल, जितने दिन काट सकते हो, काट लो। अब तो खेत भी बंजर होने के कगार पर हैं।’

