उत्तर प्रदेश का चुनाव के लिए कांग्रेस ने 125 सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान किया तो कुछ जगहों पर उम्मीदवारों का विरोध भी शुरू हो गया। गाजीपुर की सदर विधानसभा से लोटन राम निषाद की उम्मीदवारी पर विरोध इतना बढ़ा कि वर्कर्स ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी कार्यालय पर उनकी नो एंट्री का पर्चा भी चस्पा कर दिया। कांग्रेसी नेताओं ने लोटन राम निषाद का पुतला दहन किया।

लोटन राम पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि राम का मंदिर बने या कृष्ण का, मुझे इससे कोई लेनादेना नहीं है। मेरी राम में कोई आस्था नहीं है। लोटन राम निषाद पहले समाजवादी पार्टी में थे। बाद में वो मुकेश सहनी की वीआईपी में चले गए। वहां से जुगाड़ लगाकर कांग्रेस में टिकट ले लिया।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लोटन राम निषाद कभी भी पार्टी के कार्यक्रमों में नहीं आए। वह वीआईपी पार्टी में रहे हैं। कुछ दलाल नेताओं के दखल पर उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बना दिया गया है। उनकी मांग है कि लोटन को हर हालत में पार्टी को बदलना होगा। नेताओं का कहना है कि समीकरणों को भी ध्यान में रखे बगैर लोटन राम को टिकट दिया गया है।

विरोध करने वाले नेताओं के मुताबिक जिले में उनकी बिरादरी के केवल 5000 वोट हैं। ऐसे में वह कांग्रेस पार्टी को लाभ पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान ने अगर उनकी बातों पर गौर नहीं किया तो पूरे सूबे में इसका असर दिखेगा। लोटन राम ने भगवान राम व भगवान कृष्ण को लेकर जो टिप्पणी की थी उससे हिंदू खासे नाराज हैं। ऐसे नेता को कांग्रेस कैसे अपना उम्मीदवार बना सकती है।

नेताओं का कहना है कि इनका टिकट काटकर किसी अन्य को नहीं दिया जाता है। तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। नेतृत्व को इस बारे में तत्काल निर्णय लेना चाहिए। ध्यान रहे कि नवंबर 2021 में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की उपस्थित में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।