राजस्थान में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस-भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की दो-दो लिस्ट भी सामने आ चुकी है। क्षेत्रीय पार्टियां भी अपने उम्मीदवारों के नाम सामने रख रही हैं। इस दौरान चर्चा कुछ पुरानी सियासी मसलों की भी है। जिनमें से एक मसला सचिन पायलट और अशोक गहलोत जुड़ा है। फिलहाल दोनों नेता खामोशी से अपनी पार्टी (कांग्रेस) की सरकार को एक बार फिर राजस्थान में दोहराने के लिए जुटे हुए दिखाई दे रहे हैं। सचिन पायलट ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था उन्हें विश्वास है कि राजस्थान में लोग परंपरा को तोड़ना चाहते हैं और उनकी पार्टी को फिर से चुनना चाहते हैं। पायलट ने मुख्यमंत्री कौन बनेगा के सवाल पर कहा था कि पहली प्राथिमिकता चुनाव जीतना है।

तल्ख रहे हैं अशोक गहलोत के साथ रिश्ते

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट के साथ तल्ख रिश्ते रहे हैं। गहलोत ने उन पर कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और उन्हें नाकारा और गद्दार भी कहा था। न्यूज़-18 के साथ इस मुद्दे पर खुलकर बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा है कि दोनों नेता अब एकजुट हैं। सचिन पायलट ने कहा,”मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझसे कहा, आपको भूलना होगा, माफ करना होगा और आगे बढ़ना होगा। एक बार बोले गए शब्द कभी वापस नहीं लिए जाते। हमें उससे आगे देखना होगा और हम एकजुट होकर काम करना होगा।”

पायलट ने कहा, “हमारे लिए व्यक्तिगत पसंद और नापसंद तब पीछे रह जाती है जब आपको राजस्थान के लोगों को देखना होता है जो हमसे कुछ उम्मीद करते हैं।”

सीएम बनने के सवाल पर भी बोले पायलट

सचिन पायलट इस दौरान पूरी तरह चुनावी अभियान में जुटे हुए हैं। वह सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल को लेकर कहते हैं कि हमारे लिए फिलहाल चुनाव जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण है। पहले चुनाव जीत जाएं उसके बाद देखा जाएगा कि क्या होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दुविधा में है। इस दौरान पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे को उन्हीं की पार्टी में दरकिनार किया जा रहा है।