राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 41 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में सात मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारा है और अपने कुछ पुराने नेताओं के टिकट भी काट दिए हैं। राज्य से अपने 24 सांसदों में से सात को मैदान में उतारने का पार्टी का कदम पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में पार्टी की रणनीति की तरह है, जहां मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। भाजपा के इस ऐलान के बाद पार्टी के भीतर और बाहर काफी हलचल बढ़ गई है।

वसुंधरा राजे को लेकर क्या है चर्चा ?

भाजपा ने जयपुर की दो विधानसभा सीटों- विद्याधर नगर और झोटवाड़ा से अपने दो पुराने नेताओं के टिकट काट दिए हैं। इनमें से एक मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी और दूसरे झोटवाड़ा के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत हैं। इन दोनों की गिनती पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के वफादारों में होती है। ऐसे में चर्चा बढ़ गई है कि भाजपा के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर वसुंधरा राजे की खास नहीं चल पाई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक झोटवाड़ा के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत से जब पूछा गया कि आपकी लिस्ट आने के बाद वसुंधरा जी से बात हुई तो उन्होंने जवाब दिया, “मैंने अपनी बात रखी, उन्हें आश्चर्य हुआ।”

वसुंधरा राजे ने एक्स पर उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद सभी को शुभकामनाएं दी हैं। जहां उन्होंने लिखा है,”भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव-2023 के लिए 41 प्रत्याशीयों के नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। मैं आप सभी को विजय के लिए शुभकामनाएं देती हूं।”

कहां-कहां बगावत

भाजपा के टिकट बंटवारे के बाद अब उन सीटों पर बगावत दिखाई देने लगी है जहां से सांसदों को टिकट दिया गया है। यह चर्चा सोशल मीडिया पर ज़ोर शोर से होने लगी है। तिजारा से पूर्व विधायक मामन सिंह भाजपा से टिकट मिलने की आस लगाए बैठे थे, अब जब यहां से भाजपा ने अलवर के निवर्तमान सांसद बाबा बालकनाथ को मैदान में उतार दिया है तो उनके आंसू छलक गए। एक सभा को संबोधित करते हुए मामन सिंह ने कहा कि  आप चाहते है कि मैं चुनाव में खड़ा हूं तो आपको तन मन धन से साथ देना होगा। अगर आप नहीं चाहते है तो मैं तिजारा छोड़ कर चला जांऊगा। क्योंकि तिजारा का अस्तित्व खत्म हो रहा है।

इसके अलावा देवली उनियारा से राजेंद्र गुर्जर के नेतृत्व में लोग पहुंचे बीजेपी कार्यालय पहुंच गए जहां वह विजय बैंसला को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा भाजपा में बगावत का रुझान किशनगढ़ से भी सामने आया, जहां वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले विकास चौधरी समर्थकों के बीच फूट-फूट कर रोए। विकास चौधरी ने कहा कि मैंने पार्टी के लिए सब कुछ त्याग दिया, घर परिवार पर ध्यान नहीं दिया और आज मेरे साथ ये कैसा न्याय हुआ। इस ही तरह झोटवाड़ा और दूसरी सीटों से भी रूझान सामने आए हैं।

पार्टी ने झोटवाड़ा विधानसभा सीट से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है। इससे इस सीट से पार्टी की ओर से चुनाव लड़ते रहे पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक विरोध पर उतर आए हैं। शेखावत के समर्थकों ने झोटवाड़ा सीट बचाने के लिए ‘पैराशूट’ उम्मीदवार हटाओ के नारे लगाए। उनके समर्थकों के विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शेखावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी के 41 उम्मीदवारों की सूची में से 10 बागी हैं।

भाजपा ने कोटपूतली सीट पर हंसराज पटेल को टिकट दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले मुकेश गोयल के समर्थकों ने पटेल की उम्मीदवारी के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए पार्टी के झंडे जलाए। गोयल ने मीडिया से से कहा, ‘‘कोटपूतली में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा और वह राजस्थान में 40-50 सीट पर सिमट जाएगी।’’

इसी तरह पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने भी भाजपा की टिकट घोषणा के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्हें बानसूर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की उम्मीद की थी, लेकिन भाजपा ने यहां से देवी सिंह शेखावत को टिकट दिया है। शर्मा ने कहा,‘‘लोगों को टिकट वितरण प्रणाली से विचलित होने की जरूरत नहीं है। पहले भी लोगों को जाति और धनबल के आधार पर टिकट मिला, लेकिन वे हारे।’’

भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहीं अनिता सिंह ने संकेत दिया कि पार्टी का टिकट नहीं मिलने के बावजूद वह चुनाव लड़ेंगी। सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘क्या मान कर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है। ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी।’’ सिंह भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की बताई जाती हैं। भाजपा ने नगर विधानसभा सीट से जवाहर सिंह बेडम को मैदान में उतारा है। बेडम ने 2018 का विधानसभा चुनाव कामां सीट से लड़ा, लेकिन हार गए।

किस सांसद को कहां से उतारा गया है मैदान में?

विद्याधर नगर विधानसभा से भाजपा ने राजसमंद सांसद दीया कुमारी को मैदान में उतारा है, वह जयपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य हैं। मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी 2008 से लगातार विद्याधर नगर से विधायक चुने गए हैं। जबकि झोटवाड़ा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत की जगह जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा गया है। राजपाल सिंह शेखावत ने 2008 और 2013 में इस सीट से चुनाव जीता था, वह 2018 में चुनाव हार गए थे।

भाजपा की लिस्ट में अन्य बड़े नामों में राज्यसभा सांसद और राजस्थान में पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी नेता किरोड़ी लाल मीना हैं, जिन्हें पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर से मैदान में उतारा गया है, यह वह क्षेत्र है जहां भाजपा ने 2018 में खराब प्रदर्शन किया था। मीना को मैदान में उतारकर भाजपा को सवाई माधोपुर जैसे जिलों में अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है जहां वर्तमान में उसके पास एक भी सीट नहीं है। सवाई माधोपुर में चार विधानसभा क्षेत्र हैं। 2018 में भाजपा ने पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में 24 निर्वाचन क्षेत्रों में से केवल एक पर जीत हासिल की थी।

अलवर के निवर्तमान सांसद बाबा बालकनाथ को अलवर जिले के तिजारा से मैदान में उतारा गया है। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अन्य सांसदों में झुंझुनू के सांसद नरेंद्र कुमार मंडावा सीट से, अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी किशनगढ़ से, और जालौर-सिरोही के सांसद देवजी पटेल जो कि सांचौर से मैदान में होंगे।