राजस्थान विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। राजस्थान में एक भाजपा नेता काफी चर्चा में हैं और उनके नाम बीजेपी के टिकट पर कभी ना चुनाव हारने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। हम बात कर रहे हैं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की। राजेंद्र राठौड़ वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं।

तारानगर से राजेंद्र राठौड़ हैं उम्मीदवार

राजेंद्र राठौड़ को भाजपा ने तारानगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। राजेंद्र राठौड़ तारानगर विधानसभा सीट से 2008 में भी विधायक चुने गए थे, लेकिन उसके बाद वह चूरू चले आए और चूरू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे। राजेंद्र राठौड़ राजस्थान की राजनीति के बड़े नेता हैं और वह एक वकील भी हैं। इसलिए वह विधानसभा में हमेशा तथ्यों के साथ सरकार को कठघड़े में खड़ा करते रहे हैं।

जमीनी नेता की छवि

राजेंद्र राठौड़ की जमीनी नेता की छवि है और हमेशा गहलोत सरकार के खिलाफ डटकर खड़े रहते हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ की सीट बदल दी गई है और उन्हें तारानगर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। 2008 में भी वह इसी विधानसभा सीट से विधायक बने थे। राजेंद्र राठौड़ 1993 से लेकर अब तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं और उनके नाम एक रिकॉर्ड भी दर्ज है।

राजेंद्र राठौड़ 51 दिन जेल में भी रह चुके हैं। 2006 में जयपुर के राजेंद्र नगर में एक शराब तस्कर का पुलिस ने एनकाउंटर किया था। इसके बाद आरोपी की पत्नी ने फर्जी एनकाउंटर बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में राजेंद्र राठौड़ को भी आरोपी बनाया गया था और यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

51 दिन रह चुके हैं जेल में

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया और सीबीआई ने राजेंद्र राठौड़ सहित 17 लोगों को आरोपी बनाया था। 2012 में सीबीआई ने राजेंद्र राठौड़ को गिरफ्तार करके जेल भेजा था और 51 दिन तक उन्हें जेल में रहना पड़ा था। बाद में वह जमानत पर जेल से बाहर आए और फिर उसके बाद सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। राजेंद्र राठौड़ के लिए जेल में इतनी सख्ती कर दी गई थी कि उन्हें घर का खाना तक नहीं दिया गया था। जब उनके पिता और भाई उनसे मिलने जेल जाने लगे तब उन्हें मिलने नहीं दिया। इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।