लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीकर लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतगणना पूरी हो चुकी है। 24 राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस से लड़ रहे गोविंद सिंह डोटासरा 18970 वोट से जीत गए हैं। 113304 वोट हासिल करने वाले गोविंद सिंह डोटसरा ने बीजेपी के सुभाष महरिया को मात दी। सुभाष महरिया को 94334 वोट ही मिले

यह इलाका शेखावटी की एक मजबूत सीट माना जाता रहा है। इसे ग्रामीण सीट की श्रेणी में रखा गया है। इस सीट पर कुल 2,53,372 मतदाता हैं, जिनमें 1,30,693 पुरुष मतदाता और 1,22,679 महिला मतदाता शामिल हैं। 2018 के राजस्थान चुनाव में लक्ष्मणगढ़ में  74.02% मतदान हुआ था।

गोविंद सिंह डोटासरा के सामने सुभाष महरिया 

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को इस चुनाव में अपने ही पुराने साथी से एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तीन बार के सांसद सुभाष महरिया को लक्ष्मणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा था, जो इस साल की शुरुआत में कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में  शामिल हो गए थे। 

लक्ष्मणगढ़ की इस लड़ाई को जाट राजनीति के ताज की लड़ाई भी कहा जाता रहा है। लक्ष्मणगढ़ में जाट मतदाताओं की संख्या लगभग 92,000 है, जो शेखावाटी क्षेत्र में राजनीतिक रूप से मायने रखते हैं। इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस ने जाट मतदाताओं को लुभाने के हर तरह के प्रयास किए हैं। गोविंद सिंह डोटासरा कांग्रेस पार्टी में फिलहाल एक प्रमुख जाट नेता हैं और उनके सामने चुनाव लड़ रहे सुभाष महरिया भी जाट नेता हैं। ऐसे में यह लड़ाई काफी रोचक मानी जा रही है।

सुभाष महरिया को 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीकर सीट से मैदान में उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। राजस्थान में 2019 में सभी लोकसभा सीटें – सीकर, झुंझुनू और चूरू – जीतने के बावजूद शेखावाटी क्षेत्र अब तक राज्य की राजनीति में भाजपा के लिए एक कठिन राजनीतिक मैदान साबित हुआ है। अब 3 दिसंबर के नतीजे बताएंगे कि क्या इस बार भाजपा जाट मतदाताओं को लुभाने में कामयाब हुई है या नहीं?