राजस्थान का चुनाव करीब है, बीजेपी सत्ता परिवर्तन के लिए जमीन पर पूरी ताकत झोंक चुकी है। उदयपुर सीट को लेकर तो पार्टी की तरफ से ज्यादा ही मेहनत की जा रही है। कांग्रेस का तो आरोप है कि बीजेपी ने वहां पर जीत सुनिश्चित करने के लिए देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की पूरी मदद ले रखी है।
जगदीप धनखड़ के आने से परेशानी
असल में कुछ समय पहले तक उदयपुर में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ खासा सक्रिय दिखे थे। उनके अपने कार्यक्रम थे, सारी जानकारी पब्लिक में शेयर की जा चुकी थी, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उससे दिक्कत रही। उनकी नजरों में चुनावी मौसम के दौरान उप राष्ट्रपति का यूं बार बार वहां जाना ठीक नहीं। एक बयान में अशोक गहलोत ने कहा था कि चुनावी मौसम में धनखड़ का यहां बार-बार आना लॉजिक से परे है।
राज्यपाल कटारिया का सीक्रेट दौरा
अब वो विवाद खत्म हो पाता, उससे पहले असम के राज्यपाल गुलाब सिंह कटारिया ने पूरा एक हफ्ता उदयपुर में बिताया। अब जारी बयान में तो सिर्फ इतना कहा गया कि दिवाली के मौके पर बधाई देने के लिए कटारिया उदयपुर पहुंचे थे, लेकिन उनकी राजनीतिक भूमिका को समझते हुए उस एक दौरे के अलग ही मायने निकाले गए। बीजेपी के करीबी सूत्रों से पता चला कि कटारिया ने बीजेपी पार्षदों से लेकर दूसरे कई नेताओं से मुलाकात की, बल्कि कहना चाहिए मीटिंग की।
यहां ये समझना जरूरी है कि कटारिया उदयपुर से ही सात बार के विधायक रहे है, 1977 से लगातार चुनाव जीते हैं और बीजेपी में उनका कद काफी बड़ा माना जाता है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उसी वजह से कटारिया ने अपने सात दिन के दौरे के दौरान सभी पार्षदों से मुलाकात की, उनकी तरफ से साफ संदेश दिया गया कि कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ें और लापरवाही ना बरतें।
कांग्रेस ने क्या कहा?
अब कांग्रेस ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है, इस बार उदयपुर से उनके प्रत्याशी गौरव वल्लभ ने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत भी कर दी है। उनकी तरफ से कहा गया है कि हर पद की अपनी एक मर्यादा होती है। अगर एक दूसरे राज्य का राज्यपाल इस तरह से गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों का दौरा करेगा, सवाल तो पूछे जाएंगे। अगर आपको आना ही है तो पहले अपने पद से इस्तीफा दें। अभी के लिए इस पूरे विवाद पर कटारिया ने सिर्फ इतना कहा है कि उनका उदयपुर से बहुत पुराना नाता है, उनके लिए वहां के लोग उनके बच्चे जैसे हैं। ऐसे में दिवाली की बधाई देने के लिए वे वहां गए थे।