राजस्थान चुनाव को लेकर बीजेपी को बड़ा सियासी झटका लगा है। इस बार जाट वोटों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए पार्टी दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से गठबंधन करने पर विचार कर रही थी। हरियाणा में तो पिछले पांच सालों से सरकार चल ही रही थी, उम्मीद ये थी कि राजस्थान में भी साथ मिल जाएगा। लेकिन दुष्यंत चौटाला ने सामने से साफ मना कर दिया है।

जाट वोटों की अहमियत

मीडिया से बात करते हुए दुष्यंत ने कहा है कि उनकी पार्टी राजस्थान में भी 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्हें उम्मीद है कि पार्टी का अब राजस्थान में खाता खुल जाएगा। अब दुष्यंत को इतना विश्वास इसलिए है क्योंकि उनके दादा चौधरी देवी लाल राजस्थान में खासा लोकप्रिय थे। अब उनकी लोकप्रयिता को इस आगामी चुनाव में भुनाने की कोशिश की जा रही है।

वैसे राजस्थान में जाट वोटों की अहमियत काफी ज्यादा है। ये कहने को 10 फीसदी के करीब हैं, लेकिन 30 से 40 सीटों पर अपना असर रखते हैं। राजस्थान में तो जाट वोटर ऐसा है जो समान रूप से दोनों बीजेपी और कांग्रेस को मिलता रहता है। इसका कारण ये है कि राज्य में दोनों ही पार्टी के कई जाट नेता चुनाव जीतकर आते हैं और सरकार में उन्हें अहम पद भी दिए जाते हैं।

कब होंगे चुनाव?

राजस्थान चुनाव की बात करें तो यहां से कुल 200 सीटें निकलती हैं। अभी तक राज्य में कांग्रेस की सरकार चल रही है, लेकिन हर पांच साल में सत्ता बदलने का ट्रेंड भी इसी राज्य के साथ जुड़ा हुआ है। इसी वजह से बीजेपी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी हुई है। राज्य में एक ही चरण में 25 नवंबर को वोटिंग होने जा रही है और नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे।