देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों पर वंशवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा में इन दिनों खुद नेता अपने-अपने पुत्रों के लिए टिकट मांगकर वंशवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। राजस्थान विधान सभा चुनाव से पहले राज्य के छह मंत्रियों समेत कई विधायकों ने भी अपने बेटों को टिकट देने की गुजारिश पार्टी हाईकमान से की है। इनमें से कुछ ने अपनी राजनीतिक विरासत बेटों को सौंपने के लिए तो कुछ ने बेटे को पॉलिटिक्स में लॉन्च कराने के लिए टिकट मांगा है। बेटों को लिए टिकट मांगने वालों में वसुंधरा राजे सरकार में आदिवासी विकास मंत्री नंदलाल मीणा, वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर, जल संसाधन मंत्री राम प्रताप, श्रम मंत्री जसवंत यादव और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आमरा राम शामिल हैं। इन मंत्रियों ने अपनी जगह अपने बेटों को टिकट देने की मांग की है, जबकि राजे सरकार में वरिष्ठ मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने अपने लिए और अपने बेटे के लिए भी टिकट मांगा है। इनमें से सभी मंत्रियों की उम्र 60 साल से ऊपर है। कुछ तो 75 के पार हैं।
भाजपा के वरिष्ठतम विधायक 88 वर्षीय सुंदरलाल और 83 वर्षीय कृष्णराम ने भी अपने बेटों के लिए टिकट मांगा है। सुंदरलाल पिलानी से सात बार विधायक चुने गए हैं, जबकि कृष्णराम डुंगागढ़ से तीन बार विधायक रहे हैं। बीकानेर पश्चिम के मौजूदा विधायक गोपाल जोशी ने अपनी जगह अपने पोते के लिए टिकट मांगा है। सुंदरलाल और मंत्री जसवंत यादव ने तो राजनीति से रिटायरमेंट का भी एलान कर दिया है। बता दें कि पार्टी कई मौजूदा विधायकों की जगह युवा एवं नए चेहरों को मैदान में उतारना चाहती है। पार्टी की इसी मुहिम को ध्यान में रखते हुए इन नेताओं ने अपने-अपने दांव चले हैं। पार्टी उन लोगों का भी टिकट काटने पर विचार कर रही है जो 60 साल से ऊपर के हो चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सभा सांसद रामनारायण डुडी और पूर्व सांसद रासा सिंह रावत भी अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं। इनके अलावा दिवंगत भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवर लाल जाट, दिगंबर सिंह, धर्मपाल चौधरी और कल्याण सिंह के बच्चे भी चुनावी मैदान में टिकट के लिए डटे हुए हैं। वसुंधरा सरकार के छह मंत्रियों ने अपनी सीट बदलने की भी अर्जी पार्टी हाईकमान तक दी है। माना जा रहा है कि राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर की वजह से ये मंत्री सुरक्षित ठिकानों से लड़कर विधान सभा पहुंचना चाहते हैं।