राजस्थान विधान सभा की 200 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन का काम भाजपा समेत कांग्रेस मेंभी जारी है। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने इस सिलसिले में पहले चरण में कुल 85 उम्मीदवारों का नाम तय किया था लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उसे खारिज कर दिया और नई सूची बनाने के निर्देश दिया। दरअसल, पार्टी नेताओं ने 85 सीटों पर उम्मीदवारों के सिंगल नाम का पैनल थमाया था जिसे पार्टी अध्यक्ष ने मंजूर नहीं किया। इनके अलावा संगठन ने 39 सीटों पर दो-दो नाम तय किये थे जबकि शेष सीटों पर तीन से चार संभावित उम्मीदवारों के नाम सुझाए गए थे। बुधवार (31 अक्टूबर) की देर रात दिल्ली में प्रदेश प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर के घर राजस्थान भाजपा के नेताओं की बैठक हुई जिसमें नामों को अंतिम रूप दिया गया लेकिन जब वही नाम अमित शाह के सामने रखे गए तो उसे नामंजूर कर दिया गया।
हालांकि, तमाम रायशुमारी और ग्राउंड जीरो से सर्वे करने के बाद पार्टी ने 50 से 60 नामों पर आंशिक सहमति जताई है। सीएम वसुंधरा राजे ने लिस्ट पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जो लोग पार्टी में लंबे समय से बने हुए हैं, उन्हें अनदेखा करना भूल साबित हो सकती है। बैठक में एक बात स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आई कि ग्राउंड रिपोर्ट और स्थानीय समीकरण के मुताबिक ही उम्मीदवार तय किए जाएंगे। उम्मीदवार चयन में किसी तरह का कोटा लागू नहीं किया जाएगा। अब माना जा रहा है कि दिवाली बाद फिर से राजस्थान के नेता बैठकर उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि नौ से दस नवंबर के बीच पार्टी अध्यक्ष के साथ उम्मीदवारों के चयन पर फाइनल बैठक हो सकती है।
भाजपा के अलावा कांग्रेस ने भी अभी तक उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है, जबकि बसपा ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बुधवार की रात अपनी पहली सूची जारी कर दी है। बसपा की पहली लिस्ट में कुल 11 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए हैं। कांग्रेस और बाजपा के बाद राज्य में बसपा तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बता दें कि राजस्थान में कुल 200 विधान सभा सीटे हैं। यहां सात दिसंबर को मतदान होने हैं। 11 दिसंबर को उसके नतीजे आएंगे।