राजस्थान में भले ही भाजपा को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस ने सरकार बना ली हो मगर उसकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर ठनी रार तब खत्म हुई जब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों के साथ रात ढाई बजे बैठक की और मामले में दखल दिया। इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री सी पी जोशी को गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने पर उनके समर्थक नाराज हो उठे। बुधवार (26 दिसंबर) को नाथद्वारा के एक होटल में करीब पौने घंटे तक जोशी समर्थकों ने बैठक की और पार्टी नेतृत्व को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के मुताबिक अगर सीपी जोशी को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया तो अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों में मेवाड़ में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बैठक में नाथद्वारा, राजसमंद और रेलमगरा क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारी शामिल थे। इन लोगों की तरफ से पार्टी के महामंत्री चुन्नीलाल पंचोली ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य के सीएम अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे को ज्ञापन पत्र भेजा है। कुंभलगढ़ के पूर्व विधायक गणेश सिंह परमार ने कहा कि जोशी को मंत्री नहीं बनाना उनका अपमान नहीं बल्कि राजस्थान का अपमान है। परमार ने कहा कि चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस की हवा थी लेकिन कांग्रेस के भितरघातियों की वजह से वो खुद मेवात में हार गए और राज्य में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल सका।
इस बीच, सी पी जोशी ने समर्थकों से शांति बरतने की अपील की है और कहा है कि हाईकमान का फैसला मानना चाहिए। उन्होंने कहा, “कार्यकर्ताओं की भावना के मैं सम्मान करता हूं लेकिन उन्हें पार्टी आलाकमान का फैसला भी मानना चाहिए।” बता दें कि सीपी जोशी केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2009 में पहली बार लोकसभा सदस्य बनते ही मनमोहन सिंह ने उन्हें मंत्री बनाया था। जोशी ने पंचायती राज, सड़क परिवहन और बाद में रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। 2014 में उन्होंने जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके थे। इस बार पार्टी ने उन्हें भी विधान सभा का टिकट दिया था। इससे पहले 2008 में सीपी जोशी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे थे लेकिन एक वोट से वो चुनाव हार गए थे। इसके बाद अशोक गहलोत राज्य के सीएम बनाए गए थे। बाद में अगले साल वो भीलवाड़ा से सांसद चुने गए तब केंद्र सरकार में मंत्री बने।