राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव हैं जिसके लिए हर प्रत्याशी और पार्टी अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। प्रदेश के बारे में राजनीतिक पंडित कहते हैं कि यहां एक बार कांग्रेस जीतती हैं तो एक बार भाजपा सत्ता पर काबिज होती है। लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब कांग्रेस की तरफ से एक ही नेता लगातार 17 साल तक मुख्यमंत्री रहा। इस नेता पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को शुरुआत में विश्वास नहीं था। लेकिन जब उन्होंने जीत का परचम लहराया तो पूरी कांग्रेस की नजर उन पर ही थम गई। दरअसल ये नेता हैं मोहन लाल सुखाड़िया।
जय नारायण व्यास की सरकार में रहे वित्त मंत्री
1 नवंबर 1952 को राजस्थान के नए सीएम बने जय नारायण व्यास ने अपने मंत्रिमंडल में मोहन लाला सुखाड़िया को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी दी। इस दौरान राम राज्य परिषद के 22 सदस्य कांग्रेस का हिस्सा बने। लेकिन कुछ वक्त के बाद ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुस्सा भर आया क्योंकि राम राज्य परिषद के ज्यादातर सदस्य जमींदार थे और इससे प्रदेश में चल रहा भूमि सुधार प्रभावित हो रहा था।
कांग्रेस हाईकमान को लगी भनक
जब कांग्रेस हाईकमान को इसकी भनक लगी तो उन्होंने जय नारायण व्यास से विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा। व्यास के सामने एक नौजवान खड़ा हो गया और अपनी ही सरकार को चुनौती दे डाली। बता दें ये नौजवान कोई और नहीं बल्कि मोहन लाल सुखाड़िया थे। जब वोटिंग के नतीजे सामने आए तो सभी चौंक गए क्योंकि मोहन इस चुनाव में 8 मतों से जीत हासिल कर चुके थे। 13 नवंबर 1954 को मोहन ने राजस्थान के सीएम के रूप में शपथ ली लेकिन उनकी मुसीबतें कम नहीं हुईं थी क्योंकि नेहरू, मोहन को प्रदेश की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं थे।
जब राज्य चुनाव की आई बारी
खैर एक तरफ जहां नेहरू उन्हें प्रदेश सौंपने के मूड में नहीं थे तो वहीं दूसरी ओर राज्य चुनाव करीब आ गए थे। नेहरू से मणिक्य लाल वर्मा ने मोहन का नाम आगे बढ़ा दिया लेकिन अभी भी चुनौतियां बाकी थीं। लेकिन मोहन ने सारी मुसीबतों को चकनाचूर करते हुए जीत हासिल की और धीरे धीरे नेहरू के भी खास होने लगे।
जीत से नाराज हुए वरिष्ठ नेता
एक तरफ जहां मोहन अपनी जीत का परचम लहरा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन से नाराज थे और गु्स्से में थे। जिसके चलते उन्होंने मोहन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया। लेकिन इस बार भी मोहन ने सभी को पटखनी दी और खुद को साबित किया। जिसके बाद मोहन 8 जुलाई 1971 तक वो लगातार राज्य के सीएम रहे। बता दें मोहन लाल सुखाड़िया देश के दूसरे लंबे समय तक किसी राज्य के सीएम बनने वाले नेता हैं। इसके बाद उन्हें कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का गवर्नर बनाया गया। गौरतलब है कि मोहन लाल सुखाड़िया 17 साल तक प्रदेश मुखिया रहे।
गौरतलब है कि 200 सीटों के लिए राजस्थान में कुल 2294 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रदेश में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 11 दिसंबर को नतीजे सबके सामने होंगे।
