राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उन पर नामाकंन फॉर्म में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया है। मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। इसमें उनका नामांकन रद्द करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अशोक गहलोत ने अपने हलफनामे में आधी अधूरी जानकारी दी है।
क्या है मामला?
अशोक गहलोत के खिलाफ पवन पारीक नाम के शख्त ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सरदारपुरा से प्रत्याशी अशोक गहलोत ने अपने खिलाफ 2 लंबित आपराधित मामलों की जानकारी नहीं दी है। चुनाव आयोग को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी को जानबूझकर छिपाया गया है।
किन मामलों का किया जिक्र
पवन पारीक ने अपनी शिकायत में दो मामलों का जिक्र किया है। इसमें पहला मामला 8 सितंबर 2015 का है। इसमें जयपुर के गांधीनगर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। एफआईआर संख्या 409/2015 में अशोक गहलोत के खिलाफ धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ था। अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है। वहीं एक और मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई थी। दोनों ही मामलों में सुनवाई हो रहा है।
नामांकन रद्द करने की मांग
पवन पारीक ने चुनाव आयोग को भेजी गई शिकायत में कहा कि अशोक गहलोत की ओर से नामांकन में गलत जानकारी दी गई है। ऐसे में उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ धारा 177, 419, 420, 467 और 471 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को चुनाव होना है। इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। 8 नवंबर को यहां अपना नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है।