आम चुनाव 2019 में कांग्रेस की योजना रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाने की है। नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के कार्यकाल की विफलता के रूप में पार्टी देश में बढ़ी बेरोजगारी को हाईलाइट करेगी। फिलहाल पार्टी अपने घोषणा पत्र पर काम कर रही है जिसमें इस बात की जानकारी सामने रखी जाएगी कि रोजगार सृजन को लेकर कांग्रेस की क्या योजना रहेगी। नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, जो विजन डॉक्युमेंट पार्टी तैयार कर रही है, उसमें रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की एक रिपोर्ट भी शामिल होगी। राजन ने कांग्रेस के लिए विशेष रूप से यह रिपोर्ट बनाई है। वे कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे या नहीं, इसे लेकर पार्टी अब कुछ खुलकर नहीं बोल रही है।
राहुल गांधी के करीबी समझे जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी सैम पित्रोदा के हवाले से अखबार ने लिखा है कि पार्टी रोजगार से जुड़े हर सुझाव को अपने प्लान में शामिल कर रही है। पार्टी की योजना देश के अलग-अलग हिस्सों में राहुल गांधी के टाउन हॉल कार्यक्रम आयोजित कराने की भी है। पित्रोदा के अनुसार, कांग्रेस रोजगार की संख्या पर वादा नहीं करेगी, बल्कि यह बताएगी कि किस तरह रोजगार पैदा किए जाएंगे।
रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान ही मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था, जिसकी कई अर्थशास्त्री आलोचना कर चुके हैं। स्वयं राजन ने भी कहा था कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी है। बकौल राजन, “मैंने कई ऐसे अध्ययन देखे हैं जिससे पता चलता है कि नोटबंदी से भारत की वृद्धि दर पर गहरा असर पड़ा। मेरी पुख्ता राय है कि नोटबंदी से हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।”
राजन ने यह भी दावा किया था पूर्व आरबीआई गवर्नर के रूप में सरकार ने नोटबंदी पर उनकी राय पूछी थी, जिसपर उन्होंने इसे एक ‘खराब विचार’ बताया। रघुराम राजन मोदी सरकार के एक और बड़े कदम, जीएसटी के भी आलोचक रहे हैं। पूर्व गवर्नर का मानना है कि नई कर प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू किया जाना चाहिए था।