पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू अपने बेलाग बयानों के लिए मशहूर हैं। लेकिन फिलहाल वो पैंतरा बदलने के मामले में भी ख्याति हासिल करते जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि आलाकमान नहीं बल्कि पंजाब के लोग सीएम तय करेंगे। उनका वो बयान काफी हैरत भरा था, क्योंकि माना जाता है कि गांधी परिवार के प्रति ही उनकी निष्ठा है।
फिलहाल वो इस बयान से भी पलटी मार गए हैं। उनका कहना है कि ये सरदार पटेल, पंडित नेहरू, गांधी जी और डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पार्टी है। आलाकमान को पता है कि कब कौन सा फैसला कैसे लेना है। उनका कहना था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। पहले वो बोले कि उन्होंने दूल्हे की बात केजरीवाल के लिए कही थी। पत्रकार ने सवाल पर सवाल दागे तो बोले कि उनका कहना था कि एमएलए लोग तय करेंगे और उसके बाद ही सीएम का चुनाव किया जा सकेगा।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा जहां तक कुर्सियों का सवाल है कि तो पहले एमपी की कुर्सी छोड़ी, आईएमडी मिनिस्टर छोड़ा, राज्यसभा छोड़ी, कोई नेता बताइये जिसने छह साल के लिए राज्यसभा छोड़ी हो, कांग्रेस में आकर भी मंत्रालय छोड़ा क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हें जलील करना चाहते थे। मेरी पत्नी ने मंत्रालय छोड़ा और बेटे नौकरी। सिद्धू का कहना था कि कैप्टन बीजेपी के इशारों पर सरकार चला रहे थे। वो बादलों से मिलीभगत करके पंजाब के लोगों से खिलवाड़ कर रहे थे।
एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा कि उन्होंने कैप्टन को नहीं हटाया बल्कि आलाकमान को लग गया था कि उनकी अगुवाई में कांग्रेस की दस सीटें भी नहीं आने जा रही हैं। अमरिंदर पूरी तरह से कांग्रेस के खिलाफ काम कर रहहे थे। वो मोदी-शाह के इशारों पर सारे काम करते थे।
उनका सवाल था कि 78 विधायकों में से उनके साथ एक भी क्यों नहीं गया। उनकी अपनी पत्नी भी उनके साथ क्यों नहीं खड़ी है। पीपीसीसी चीफ का कहना था कि अमरिंदर ने खनन के खिलाफ कोई नीति नहीं बनाई। पंजाब के हक में कोई नीति क्यों नहीं बनाई।