पंजाब विधानसभा 2022 चुनाव नतीजों में पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह 10 राउंड के बाद साढ़े 13 हजार से भी ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अजीत पाल उनसे आगे हैं। पटियाला शहरी सीट को कैप्टन अमरिंदर सिंह का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार वह अपने गढ़ में भी सीट बचाते नहीं नजर आ रहे हैं। AAP नेता अजीत पाल सिंह ने कहा कि लोगों ने जो आम आदमी पार्टी पर विश्वास जताया है उसे कभी भी टूटने नहीं देंगे कैप्टन अमरिंदर के लिए अजीत पाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बन कर पटियाला को भूल गए थे जिसका नतीजा आज पटियाला के लोग दे रहे हैं।
2017 में रिकॉर्ड मतों से जीते थे कैप्टन अमरिंदर सिंह
पटियाला विधानसभा सीट को कैप्टन अमरिंदर सिंह का गढ़ माना जाता है. अमरिंदर यहां से लगातार 2002, 2007, 2012 और 2017 में चार बार विधायक बने। 2012 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल के सुरजीत सिंह कोहली को 42,318 मतों के अंतर से हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पटियाला विधानसभा सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद मैदान में थे. इस चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह का मुकाबला आम आदमी पार्टी के डॉक्टर बलबीर सिंह से था, इस चुनाव में कैप्टन ने आप के डॉक्टर बलबीर सिंह को 52407 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।
दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं कैप्टन
पटियाला राजघराने से ताल्लुक रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अमरिंदर सिंह 1980 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद कांग्रसे छोड़कर उन्होंने अकाली दल का दामन थामा और कैबिनेट मंत्री बनाए गए. 90 के दशक में कैप्टन ने खुद की पार्टी बनाई बाद में इस पार्टी का कांग्रेस में विलय करा लिया।
2021 में कांग्रेस से अलग होकर बनाई थी नई पार्टी
2021 में कांग्रेस में मची उथल पुथल के बीच कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था, इससे खफा हुए कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ दी और चुनावों से पहले पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी नई पार्टी बनाई और बीजेपी के साथ मिलकर पंजाब विधासनभा चुनाव लड़ा है, हालांकि बीजेपी और कैप्टन का गठबंधन पंजाब में खास कमाल दिखाता नहीं दिख रहा है।