पंद्रह वर्षीय एकोम वारिंग शायद राजनीति के लिए बहुत छोटी हो सकती हैं, लेकिन प्रचार के लिए नहीं। वे इन दिनों पंजाब में पिता अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के गिद्दरबाहा विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं से जुड़ने में व्यस्त हैं। एकोम वारिंग घर-घर जाकर हाथ जोड़कर मतदाताओं का अभिवादन करती हैं और10 वर्ष में अपने पिता द्वारा किए गए विकास कार्यों के लिए उन्हें मत देने का आग्रह करती हैं। अमरिंदर पंजाब के मुक्तसर जिले की गिद्दरबाहा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वे इससे पहले 2012 और 2017 में इस सीट से चुने गए थे।
पंजाब में कई उम्मीदवारों के परिवार के सदस्य आने वाले चुनाव में समर्थन जुटाने के लिए घर-घर जा रहे हैं। एकोम वारिंग को विश्वास है कि गिद्दरबाहा के मतदाता10 साल के दौरान किए गए ‘अभूतपूर्व’ विकास कार्यों को देखते हुए उनके पिता को ही वोट देंगे और उन्हें फिर से विजेता बनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता ने सभी वादे पूरे किए हैं।’ एकोम ने कहा कि उन्हें लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी की पत्नी सिमरत कौर खंगुरा भी समर्थन जुटाने के लिए पति के विधानसभा क्षेत्र धुरी का दौरा कर रही हैं। इस सीट पर गोल्डी का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान से है। अंग्रेजी में स्नातकोत्तर खंगुरा (39) का कहना है कि वे निर्वाचन क्षेत्र के हर घर का दौरा कर रही हैं और उन्हें मतदाताओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
खंगुरा ने कहा, ‘मैं पहली या दूसरी बार लोगों से नहीं मिल रही हूं। मैं नियमित रूप से उनसे मिलती रहती हूं और वे मेरा बड़ी गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।’ वे भगवंत मान को अपने पति के खिलाफ एक प्रतियोगी के रूप में कैसे देखती हैं? खंगुरा ने कहा कि वे उन्हें मुकाबले में कहीं नहीं देखतीं। खंगुरा ने दावा किया कि सांसद मान ने लोकसभा चुनाव के दौरान 2014 और 2019 में केवल दो बार धुरी निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया था।
खंगुरा ने कहा, ‘भगवंत मान को इस विधानसभा क्षेत्र में कहीं नहीं देखा गया।’ उन्होंने कहा कि ‘आप’ नेता के पास क्षेत्र के लिए किए काम पर कहने को कुछ नहीं है। खंगुरा ने कहा कि उनके पति गोल्डी ने धूरी विधानसभा क्षेत्र में कई खेल मैदान, ‘स्मार्ट’ स्कूल और कुछ स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने सहित कई विकास कार्य किए हैं। धुरी विधानसभा उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जो संगरूर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है।