पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दो स्थानों से चुनाव में खड़े हुए थे, लेकिन दोनों स्थानों पर वे हार गए। उनको पराजित करने वाले विपक्षी प्रत्याशियों में एक सफाईकर्मी का बेटा है तो दूसरा नेत्र विशेषज्ञ, जिसने नौकरी छोड़कर लोगों को रोशनी देने का कार्य किया। पंजाब में सीएम को पराजित करने वाले दोनों लोग वास्तव में आम आदमी साबित हुए।
पंजाब की भदौर विधानसभा सीट से उनको हार का सामना कराने वाले लाभ सिंह उगोके (35) एक मोबाइल रिपेयर की दुकान में काम करते हैं। वह एक सरकारी स्कूल में सफाई कर्मचारी के पद पर काम करने वाली महिला के बेटे हैं, जबकि उनके पिता खेतों में मजदूरी करते हैं। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने राज्य में जीत के बाद कहा कि “एक आम आदमी सोचता है कि वो क्या कर सकता है, लेकिन अगर चाहे तो आम आदमी कुछ भी कर सकता है।”
लाभ सिंह उगोके (35) ने अपने चुनावी हलफनामे में कहा था कि उनके पास सिर्फ एक हीरो हॉन्डा मोटरसाइकिल है, जिसे उन्होंने करीब 8 साल पहले खरीदा था। उन्होंने दावा किया था कि वो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को हराकर इतिहास रचेंगे। वह सचमुच ऐसा करने में सफल रहे।
जब पंजाब की कमान संभाली थी, तब उन्होंने कहा था कि वे राज्य को एक नई दिशा देंगे और उसे विकास के रास्ते पर ले जाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें चुनाव से पहले राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया था। चुनाव में वे दो स्थानों चमकौर साहिब और भदौड़ से खड़े हुए, लेकिन दोनों जगह उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। मौजूदा मुख्यमंत्री को दो-दो स्थानों से पराजय मिलना पार्टी और चन्नी के लिए बड़ा धक्का है।
दूसरी तरफ सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को उनके गढ़ चमकौर साहिब में पराजित करने वाले नेत्र विशेषज्ञ से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बने डॉ. चरणजीत सिंह (60) 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़ी ताकत साबित हुए। कुछ साल पहले तक चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर में एक नेत्र सर्जन, डॉ सिंह एक परोपकारी व्यक्ति हैं, जिन्होंने मोरिंडा में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और क्षेत्र में गरीबों के लिए मुफ्त नेत्र शिविर आयोजित करना शुरू कर दिया।
बाद में, उन्होंने मोरिंडा में शुभ कर्मण अस्पताल की स्थापना की। वह कई परोपकारी क्लबों के संपर्क में आए और कई वर्षों तक कांग्रेस पार्टी के एससी सेल से जुड़े रहे। वह पार्टी टिकट के दावेदार भी थे।