पूर्व राजनयिक केसी सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि वो सांझा सुनहरा पंजाब मंच को एक राजनीतिक दल में परिवर्तित करेंगे जिसका नाम सुनहरा पंजाब पार्टी होगा। सांझा सुनहरा पंजाब एक दबाव समूह है जिसे अगस्त 2021 में केसी सिंह द्वारा गठित किया गया था। केसी सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सुनहरा पंजाब पार्टी आगामी 20 फरवरी को होने वाले चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी, लेकिन संयुक्त समाज मोर्चा के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जो कृषि आंदोलनों से जुड़े हुए थे। केसी सिंह ने कहा कि समर्थन उम्मीदवारों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर और चुनाव लड़ रहे चेहरों पर होगा।
सुनहरा पंजाब पार्टी के लॉन्च के मौके पर अमेरिका में रहने वाले डॉक्टर स्वाईमान सिंह भी मौजूद थे जिन्होंने टिकरी बॉर्डर पर कृषि आंदोलन के समय करीब 1 साल तक स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराया था। केसी सिंह ने कहा कि डॉक्टर स्वाईमान सिंह SPP और SSM के बीच पुल का काम कर रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ स्वाईमान सिंह ने कहा कि सुनहरा पंजाब पार्टी चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन मैंने इनसे अपील की, चुनाव ना लड़े, क्योंकि इस बार वोटों का बंटवारा होगा। मैंने उनसे कहा कि हमें सिर्फ अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए।
डॉक्टर स्वाईमान सिंह ने कहा कि ये मुद्दों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि ये राज्य के पानी की सुरक्षा, पंजाबी भाषा को बढ़ावा, कृषि उपज पर एमएसपी की गारंटी, खेल के बुनियादी ढांचे का विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की लड़ाई है।
केसी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, “कृषि आंदोलन ने पंजाब में एक परिवर्तन लाया है। सुनहरा पंजाब पार्टी ने खुद को पंजीकृत करने के लिए दिसम्बर 2021 में चुनाव आयोग से संपर्क किया था। हमारे पास 3 विकल्प थे। हम शांत रहें या फिर किसी के साथ जुड़े या फिर चुनाव में अकेले जाएं। लेकिन इतने सारे गुट पहले से ही है तो हमने तय किया कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उन लोगों को समर्थन देंगे जो कृषि आंदोलन से जुड़े हुए थे।”
केसी सिंह ने कहा कि पंजाब की समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं बल्कि धीरे-धीरे सुधार किया जा सकता है। उन्होंने पुलिस, राजस्व और अन्य विभागों में रिफॉर्म के लिए एक प्रशासनिक सुधार कमेटी के गठन की वकालत की। उन्होंने कहा कि सिस्टम में बदलाव की जरूरत है लेकिन यह रातों-रात नहीं किया जा सकता, इसे एक प्रक्रिया के तहत किया जा सकता है। केसी सिंह ने कांग्रेस ,आम आदमी पार्टी और अकाली दल पर भी निशाना साधा और कहा कि ये लोग पारंपरिक दल है।
कृषि संकट पर बोलते हुए केसी सिंह ने कहा कि, “कृषि आंदोलन में जीत मिली लेकिन कृषि संकट अभी भी है। किसानों की आमदनी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पंजाब को बाहरी और वैश्विक बाजार से जोड़ने की जरूरत थी। इसके साथ ही केसी सिंह ने पारंपरिक दलों पर भी निशाना साधा और उन पर पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और उसके खेती पर होने वाले प्रभाव से अनजान होने का आरोप भी लगाया।
केसी सिंह ने आगे कहा कि हमारे पास जो संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर है, अगर किसी विज़न के साथ इस पर काम किया गया होता तो स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय निकाय जैसे क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन करते और धन अर्जित करने के लिए आकर्षित भी करते।
इस मौके पर ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित गुरबीर सिंह संधू ने कहा कि, “हमें पंजाब को निराशा से आशा की ओर ले जाने वाले 117 अच्छे और युवा चेहरों का समर्थन करना चाहिए। आज पंजाब जो कुछ भी है वह पंजाबियों और उनके तौर-तरीकों के कारण है। जिम्मेदार व्यक्ति जो मुख्यमंत्री थे, पार्टी अध्यक्ष थे उन्हें बदला जाना चाहिए।”
इसके साथ ही संधू ने कहा कि एक कमेटी भी गठित होनी चाहिए की कैसे पंजाब के कर्ज को बढ़ने दिया गया।