पूरब से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के लिए कांग्रेस की जोर आजमाइश जारी है। प्रियंका गांधी वाड्रा तीन दिन से नाव यात्रा पर थीं, जिससे वोट साधे जा सकें। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में थीं, और यहां उन्होंने करीब 6 घण्टे बिताएं। सियासी हथियारों से लैस प्रियंका ने प्रयागराज, सीतामढ़ी, भदोही, की तरह वाराणसी में भी प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर उनकी तुलना तानाशाह से की और दो टूक यह भी कह दिया कि वह झूठे हैं। सामने चुनाव है, तो प्रियंका ने हर वर्ग को साधने, समझने और लोगों से मिलने में आत्मीयता दिखाने में गुरेज नही किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की बहू को पार्टी में शामिल किया। और चुटकी लेते हुए ये भी पूछ दिया कि उनकी सदस्यता से उनके ससुर नाराज तो नहीं हो जाएंगे।

प्रियंका की नाव यात्रा का लेखाजोखा

तीन दिन में प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की 6 सीट लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश की। बिना किसी बड़ी रैली या बिना किसी बड़े रोड शो के प्रियंका ने नाव यात्रा के जरिए इन सीटों के वोटर्स से जुड़ीं। इलाहाबाद, फूलपुर, भदोही, मिर्जापुर,चंदौली और वाराणसी की लोकसभा सीटों के किसी न किसी हिस्से से प्रियंका गांधी या तो नाव से गुजरीं या फिर रोड से गईं। जानकारी के मुताबिक, वाराणसी पहुंचने से पहले प्रियंका गांधी ने 86 किलोमीटर का सफर कार से तय किया जबकि 45 किलोमीटर की यात्रा उन्होंने नाव के जरिए पार की। इन 6 लोकसभा सीटों में फिलहाल कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है, पर एक वक्त में इलाहाबाद और आसपास की सीटें कांग्रेस के मजबूत गढ़ रहे हैं। प्रियंका ने इस यात्रा के जरिए जिन 6 लोकसभा सीटों को तय किया है उसमें 5 बीजेपी के पास हैं जबकि एक सीट एनडीए में सहयोगी पार्टी अपना दल के पास है। प्रियंका गांधी की इस यात्रा से भले ही तुरंत कोई असर नहीं पड़े पर वोटर्स में एक बार फिर कांग्रेस का नाम उभरा है। जेहन में फिर ये बात आई है कि मजबूत कैडर के साथ उतरने वाली भाजपा के मुकाबले कांग्रेस भी अपना प्रचार कुछ इस अंदाज में कर सकती है।

भदोही के सीतामढ़ी मंदिर में प्रियंका गांधी। फोटो सोर्स : @INCUttarPradesh

लगातार मोदी पर निशाना

1. 56 इंच का सीना किधर है?
मोदी का नाम लिये बिना प्रियंका ने निशाना साधा, ”56 इंच का सीना किधर गया।” नाविकों में निषाद और मल्लाह समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं से प्रियंका को अवगत कराया। प्रियंका ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनकी समस्याओं का हल करने के प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने नाविक समुदाय की अनदेखी की है। उनके लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कह चुके हैं कि कांग्रेस सत्ता में आयी तो मछुआरों और नाविकों के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाएगा। बता दें कि कांग्रेस की खोयी हुई जमीन पुन: हासिल करने की कवायद में प्रियंका ने सोमवार को अपनी गंगा यात्रा शुरू की थी, जो कि काशी में जाकर खत्म हुई।

मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर में प्रियंका गांधी। फोटो सोर्स : @INCUttarPradesh

2. सिर्फ लॉलीपॉप दिया
प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि उनकी सरकार ने देश के विकास के लिये कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ”इस सरकार ने केवल लॉलीपाप दिया है। कांग्रेस सरकार ने सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा दी लेकिन अब मजूदरों की जगह पर मशीनें काम कर रही हैं।”

3. चौकीदार अमीरों के होते हैं किसानों के नहीं
यहां के सिरसा घाट पर जनता को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने मोदी के ”मैं भी चौकीदार” अभियान की चुटकी ली। उन्होंने कहा कि चौकीदार अमीरों के लिए हैं ना कि किसानों के लिए। साथ ही आरोप लगाया कि धर्म और जाति के मुद्दे उठाये जा रहे हैं क्योंकि सरकार विकास के मोर्चे पर विफल रही है। उन्होंने कहा, ”उनकी (मोदी) मर्जी अपने नाम के आगे क्या लगायें। मुझे एक किसान भाई ने कहा कि देखिये चौकीदार तो अमीरों के होते हैं। हम किसान तो खुद अपने चौकीदार होते हैं।”

मिर्जापुर में सड़क मार्ग से गुजरते वक्त प्रियंका गांधी। फोटो सोर्स : @INCUttarPradesh

4. हमारी सभ्यता मार खाने पर दूसरा गाल आगे करने की
रामनगर में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री का नारा लगाने और इस दौरान कांग्रेस नेताओं में आपसी मारपीट को लेकर भी प्रियंका ने मोदी सरकार पर करारा फरार किया। मारपीट को लेकर कहा कि कांग्रेस ने मारपीट करने की नही थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल आगे करने की संस्कृति हैं। हमारे पूर्वजों ने देश के दुश्मन अंग्रेजो के ऊपर भी हाथ नही उठाया और हर जुल्म सहते गए। राजनीतिक हिंसा के लिए कौन दल सबसे मशहूर है यह सभी को पता हैं।

5. झूठ की मार्केंटिंग, हर वर्ग की अनदेखी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने भले ही केंद्र सरकार का नाम नहीं लिया लेकिन एक बाद एक हमले करने से वे नही चुकी। यहां उन्होंने सभी वर्ग के लोग मसलन, नाविकों, जैन समुदाय , व्यापारियों , शहीदो के परिजनों, महिलाओं , पार्टी नेताओं और कुछ विशिष्ट लोगों से भी मुलाकात की। उनका यह दौरा सभी वर्गों को साधने पर और उनको पार्टी की ओर डायवर्ट करने पर ही फोकस रहा। आक्रमक लहजे में केंद्र पर बरसी तो मोदी का नाम लिए बगैर कह दिया कि वह सिर्फ झूठ मार्केटिंग करते है। गांव, गंगा, किसान, बेरोजगार, युवा, महिलाएं किसी भी वर्ग की इस सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं।

वाराणसी के अस्सी घाट पर रुद्राक्ष माला पहने प्रियंका गांधी। फोटो सोर्स : @INCUttarPradesh

6. योगी पर भी वार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रियंका ने कहा कि भाजपा को जमीनी हकीकत का अहसास करने की आवश्यकता है। योगी का दो वर्ष का रिपोर्ट कार्ड और प्रचार अच्छा लगता है लेकिन हर वर्ग के लोग प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं ।

वाराणसी में क्या किया?

  • प्रियंका गांधी बुधवार दोपहर 11.45 बजे के करीब रामनगर से वाराणसी के अस्सी घाट की तरफ रवाना हुईं।
  • अस्सी घाट पहुंचने के बाद प्रियंका गांधी ने मल्लाह सम्मेलन में हिस्सा लिया।
  • 12.30 बजे प्रियंका गांधी नाव से अस्सी घाट पहुंची।
  • गंगा आरती की और बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी किए।
  • प्रियंका गांधी ने लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
  • पुलवामा में शहीद शहीद के परिवार वालों से मुलाकात
  • मल्लाह महासम्मेलन में भी प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रियंका गांधी। फोटो सोर्स : @INCUttarPradesh

वाराणसी पर फोकस क्यों?

सबसे बड़ा कारण तो यह पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। वहीं, चंद दशकों से वाराणसी संसदीय सीट भाजपा के कब्जे में रही है। हालांकि इस दौरान एक बार 2004 से 2009 तक यह सीट कांग्रेस के पास थी। बनारस में कांग्रेस एक दौर में बहुत मजबूत ताकतवर स्थिति में थी। लेकिन गुटबाजी और एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में यहां कांग्रेस “हाउस” में बट गई थी। पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा हैं। और आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओ में उम्मीद जगीं है और यह उम्मीद इस समय पार्टी नेताओं को प्रियंका गांधी से हो गईं हैं। कांग्रेस के मण्डलीय प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता शैलेन्द्र सिंह कहते है कि प्रियंका के आने से सोए हुए कांग्रेसी जग गए हैं। हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन में पार्टी यहां काफी गम्भीर है।

प्रयागराज-मिर्जापुर में क्या किया?
प्रयागराज में अपने प्रवास के दौरान प्रियंका ने संगम में पूजा अर्चना की। प्रयागराज के हनुमान मंदिर में दर्शन किए। भदोही में सीता मंदिर और मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। वाराणसी में उन्होंने बाबा विश्वनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह प्रयागराज में स्वराज भवन गईं और एक कमरे की तस्वीर ट्वीट की, जहां उनकी दादी इंदिरा गांधी ने जन्म लिया था। मिर्जापुर में मंगलवार देर शाम चंद्रिका धाम पर प्रियंका गांधी ने चौपाल लगाई। (वाराणसी से एस तिवारी की रिपोर्ट)