ओडिशा में नवीन पटनायक का प्रभाव ऐसा है कि 2014 की मोदी लहर भी इस किले को नहीं भेद पायी थी। पिछले आम चुनावों में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल ने ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से 20 सीटों पर जीत दर्ज कर बता दिया था कि फिलहाल ओडिशा में उनसे बड़ा नेता नहीं है। हालांकि ऐसा लग रहा है कि अब स्थिति में कुछ बदलाव आया है और राज्य में भाजपा का प्रभाव बढ़ा है। लेकिन हाल ही में आए एक चुनाव पूर्व सर्वे से भाजपा को निराशा हो सकती है। दरअसल पोल आईज के सर्वे में खुलासा हुआ है कि आगामी चुनावों में ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से 18 पर बीजू जनता दल कब्जा कर सकती है।

द क्विंट की एक खबर के अनुसार, पोल आईज का सर्वे कहता है कि बीजू जनता दल को राज्य में करीब 50 फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं भाजपा को 25 फीसदी वोट मिलने की बात कही जा रही है। यह सर्वे फरवरी में किया गया था। मौजूदा स्थिति पर नजर दौड़ाएं तो बीजू जनता दल को इस बार बगावत और असंतोष से जूझना होगा। टिकट वितरण को लेकर कई जगहों से असंतोष की खबरें आ रही हैं। जिनमें बरहामपुर, बारगढ़ जैसी सीटें शामिल हैं।

बीजू जनता दल के कुछ नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपा को इसका थोड़ा बहुत फायदा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा ओडिशा के सुंदरगढ़, क्योंझर और मयूरभंज जैसे जनजातीय इलाकों में भाजपा लोकप्रिय है, लेकिन दक्षिणी जनजातीय इलाकों में बीजद का दबदबा है। ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में सर्वे पर यकीन किया जाए तो कहा जा सकता है कि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा में भी बीजद को लोगों का समर्थन मिल सकता है। इस तरह ओडिशा में एक बार फिर नवीन पटनायक की सत्ता में वापसी हो सकती है। ओडिशा में 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटों के लिए कुल चार चरणों में चुनाव होने हैं। पहला चरण 11 अप्रैल को, दूसरा 18 अप्रैल को, तीसरा 23 अप्रैल और चौथा चरण 29 अप्रैल को होना है।