पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने चुनावों से ठीक पहले फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पीएम द्वारा मंगलवार (29 जनवरी) को 2000 विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों संग दूसरी बार ‘परीक्षा पर चर्चा 2.0’ करने पर तंज कसा है और कहा, “पीएम मोदी की खुद की शैक्षणिक डिग्री वैधानिकता के सवालों के घेरे में है और वो स्टूडेन्ट्स को पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।” शर्मा ने कहा, “यूनिवर्सिटीज ने उनकी डिग्री से जुड़े सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगे गए सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। विद्यार्थियों को उनकी बात नहीं सुननी चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद परीक्षा पास नहीं की है।”

इंडिया डुडे के मुताबिक पीएम मोदी पर हमला बोलने के बाद आनंद शर्मा ने भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल पंडित दीन दयाल उपाध्याय से जुड़े कई सवाल पूछ डाले। कांग्रेस नेता ने पूछा कि दीन दयाल उपाध्याय कौन थे? भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने क्यों उनकी जयंती मनाई? उनका राष्ट्र के विकास में क्या योगदान था? इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पांच साल में एक बार भी जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की न तो जयंती मनाई और न ही पुण्यतिथि। फिर दीन दयाल उपाध्याय की क्यों? बता दें कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को मथुरा में हुआ था। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे।

पिछले हफ्ते शर्मा ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी के घंटे भर बाद नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अधिकारियों को हड़काया था और कहा था कि कोई भी सरकार स्थाई नहीं होती। इसलिए अधिकारी सोच लें कि कहीं 2019 के चुनावों के बाद नई सरकार आने पर उन्हें इन कार्रवाई का हिसाब न देना पड़ जाय और उन्हें लेने के देने न पड़ जाएं। उन्होंने कहा था, “अधिकारियों को यह जरूर जान लेना चाहिए। कोई भी सरकार स्थाई नहीं होती। आम चुनाव शुरू होने में कुछ सप्ताह बाकी हैं। यह निश्चित है कि यह सरकार परेशान है। प्रधानमंत्री एक आशंकित हार को घूर रहे हैं, इसीलिए वो इस तरह की कार्रवाई करवाते हैं।”