प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (7 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर बरसे। उन्होंने कहा कि उल्टा चोर चौकीदार को डांटे। उन्होंने कहा, “आपातकाल लगाया आपने, सेना को अपमानित किया कांग्रेस ने और कहते हैं कि मोदी बर्बाद कर रहे हैं। आप कहते हैं कि मोदी देश की संस्थाओं को खत्म कर रहे हैं। वर्ष 1959 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने केरल की कम्युनिस्ट सरकार को भंग कर दिया। इस घटना के 60 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि केरल के लोगों को यह घटना याद होगी। क्या यह संस्थाओं का सम्मान है? कांग्रेस ने करीब 100 बार अनुच्छेद 356 का उपयोग किया और इंदिरा गांधी ने 50 बार यह किया”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की पहचान ईमानदारी, पारर्दिशता, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई और तेजी से काम करने के लिए है। मेरी आप सभी लोगों को चुनाव में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए शुभकमानाएं हैं, विश्वास है कि नयी पीढ़ी राष्ट्र को नयी दिशा देगी भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “हम जनसभा में भी सच बोलते हैं और लोकसभा में भी सच बोलते हैं, लेकिन आपको (विपक्ष) सच सुनने की आदत नहीं रह गई है। अपनी विफलता के लिए ईवीएम का रोना रोया जा रहा है, आप इतने डरे क्यों हैं। देश ने 30 साल ‘मिलावटी’ सरकार देखी है और अब तो ‘महामिलावट’ वाली सरकार की कोशिश हो रही है, लेकिन देश की जनता को यह नहीं चाहिए।”
राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस नहीं चाहती है कि हमारी वायु सेना मजबूत हो।
भ्रष्टाचार और कालेधन पर हमारा संकल्प मजबूत है इसलिये हम पीछे नहीं हटेंगे। चुनौती बहुत बड़ी है लेकिन हमारा संकल्प भी उतना ही मजबूत है। वर्ष 2014 में देश की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी और देश अनुभव करता है, जब मिलावटी सरकार होती है तक क्या होता है और अब तो महामिलावटी आने वाला है। ये महामिलावटी यहां पहुंचने वाली नहीं है। इसे आप कोलकाता में इकट्ठे करो।”
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करने तथा अपने काम के बारे में आंकड़ों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाया और दावा किया कि राजनीति उद्देश्य के लिये राष्ट्रपति के अभिभाषण का इस्तेमाल किया गया है।