प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक विशेष इंटरव्यू में कई सवालों के जवाब दिए हैं। इस दौरान पीएम ने राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार करने पर कांग्रेस पर सवाल भी उठाया है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा–‘कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने राम मंदिर मुद्दे को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है।’ इस दौरान पीएम ने इलेक्टोराल बॉन्ड जैसे मुद्दों पर भी बात की है।

प्राण प्रतिष्ठा पर क्या बोले पीएम?

पीएम मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर बात करते हुए कहा–“जब हमारा जन्म भी नहीं हुआ था, जब हमारी पार्टी का जन्म भी नहीं हुआ था. उस समय ये मामला (राम मंदिर) कोर्ट में निपटाया जा सकता था। समस्या का समाधान हो सकता था। जब भारत का बंटवारा हुआ था, उसी दौरान विभाजन के वक्त कुछ फैसले लिए जा सकते थे, ऐसा क्यों नहीं किया गया क्योंकि यह उनके लिए एक राजनीतिक हथियार की तरह था, वोट बैंक की राजनीति के लिए इस मुद्दे को भुनाया गया।”

प्रधान मंत्री ने आगे कहा, ”यहां तक कि जब मामला अदालत में चल रहा था, उन्होंने अदालत के फैसले में देरी करने की कोशिश की। क्योंकि उनके लिए यह एक राजनीतिक हथियार था। वे कहते रहे कि राम मंदिर बनेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

कांग्रेस पर साधा निशाना

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा–“आपको गर्व होना चाहिए कि जिन लोगों ने राम मंदिर बनाया है, जिन्होंने इसके लिए संघर्ष भी किया है, वे आपके सभी पाप भूलकर आपको इनवाइट कर रहे थे। और वे नई शुरुआत करना चाहते थे। आपने उन्हें भी अस्वीकार कर दिया। तब ऐसा लगता है कि आपके लिए वोट बैंक ने आपको असहाय बना दिया है और उस वोट बैंक के कारण ऐसी चीजें होती रहती हैं।

मुझे जब प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला…

पीएम मोदी ने कहा–“जब ट्रस्ट मेरे पास राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण लेकर आया तो मैं सोचने लगा कि मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है, मैं खुद को इस लायक कैसे बनाऊं? इसलिए मैंने कुछ संतों और मुझसे जुड़े कुछ लोगों आध्यात्मिक जीवन की सलाह ली। मुझे उनसे बहुत सारे सुझाव मिले मैंने तय किया कि मैं 11 दिनों तक अनुष्ठान करूंगा और मैं जमीन पर सोता था, मैं सिर्फ नारियल पानी पीता था और मैंने फैसला किया कि जहां भी भगवान राम गए थे, मैं वहां जाने की कोशिश करूंगा।”