बिहार में इंडिया गठबंधन एक बार फिर मुश्किलों में फंसता दिख रहा है। कई सीटों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, इस बीच अब पूर्णिया सीट को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्णिया से आरजेडी ने बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बना दिया है। बड़ी बात ये है कि पूर्णिया सीट से पप्पू यादव पहले ही चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके थे।

वैसे भी क्योंकि बिहार में आरजेडी और कांग्रेस साथ में हैं, ऐसे में माना जा रहा था कि उस सीट पर लालू अपना दावा छोड़ देंगे। लेकिन अब आक्रमक रणनीति पर काम करते हुए लालू की पार्टी ने पूर्णिया से बीमा भारती को उतारकर पप्पू यादव को सीधी चुनौती देने का काम कर दिया है। जानकार बताते हैं कि कांग्रेस में जब पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय किया था, उस समय उन्हें ऐसा आश्वासन दिया गया था पूर्णिया सीट से वे ही चुनाव लड़ेंगे।

इसी वजह से पिछले कई दिनों से आरजेडी और कांग्रेस के बीच में पूर्णिया सीट को लेकर ठनी देखने को मिल रही थी। राहुल गांधी ने खुद तेजस्वी यादव तक से बात की थी, लेकिन माना जा रहा है कि लालू यादव की इच्छा के आगे किसी की नहीं चली है और उन्हीं की रणनीति पर मुहर भी लगा दी गई है। अब बीमा भारती ही पूर्णिया सीट से अपना नामांकन करने जा रही हैं।

सवाल ये उठता है कि अब पप्पू यादव का क्यो होगा? अगर राजनीतिक इतिहास उठाकर देखें तो इस समय पप्पू की हालत बिल्कुल कीर्ति आजाद जैसी बन गई है। ये नहीं भूलना चाहिए कि जब 2019 में कीर्ति ने कांग्रेस का दामन थामा था, उन्होंने दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने की बात कही थी। लेकिन बाद में उन्हें झारखंड की एक सीट से चुनाव लड़ना पड़ गया था। अब क्या पप्पू यादव भी कोई ऐसा ही कदम उठाने वाले हैं, क्या वे निर्दलीय बन पूर्णिया से ही उतरेंगे या फिर दूसरे राज्य की किसी सीट पर दावेदारी ठोकेंगे?

अगर पप्पू यादव के पुराने बयानों को आधार माना जाए तो वे किसी भी दूसरी सीट से चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। कई मौकों पर पप्पू यादव कह चुके हैं कि वे अगर चुनाव लड़ेंगे तो सिर्फ पूर्णिया से ही, किसी भी दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की उनकी कोई इच्छा नहीं है।