मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (23 फरवरी) को घोषणा की कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर एक मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली सरकार शहर के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है क्योंकि उसके पास अधिकारों की कमी है। केजरीवाल ने सदन को बताया, ‘‘मैं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने के लिए एक मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करूंगा। लोगों ने हमें इतना कुछ दिया है कि हमें उनके लिए अपना जीवन भी बलिदान करना पड़े, तो वह भी कम है।’’ अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान पर विरोधियों ने तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस से लिफ्ट नहीं मिलने पर नौटंकी शुरू हो गई है।
एक यूजर ने लिखा, “सर जी, कितना दिन का ड्रामा कर रहे हो।” इसी तरह @ArnabGoswame
ने लिखा, “केजरीवाल का अनशन शुरू होने से पहले ही उनको जूस पिलाने वाले का नाम तय हो गया है। आप भी वोट करके अपनी पसंद बताएं सही जवाब देने वालों को फ्री वाईफाई का पासवर्ड केजरी खुद देंगे।”
@Anandku67800402 ने लिखा, “आप अनिशिचितकाल अनशन करो। हम आपके साथ है !! बस भाग मत जाना, कसम खाओ, मरते दम तक धरना खत्म नहीं करोगे।” @pyaraabharat ने लिखा, “ये बताओ कांग्रेस लिफ्ट नही दी तो ये फाइटिंग याद आयी, सही बताना।”
@MukeshMouryaji ने लिखा, “काठ की हांड़ी हर बार नहीं चढ़ती महोदय, आपने जितनी राजनीति बदलनी थी, बदल ली। अब दिल्ली को बारी है।
और हां ये जरूर बता देना वो माने की नहीं जिन्हें मना मना के आप थक गए हैं, गठबंधन कर लो गठबंधन कर लो लेकिन कांग्रेस को समझ नहीं आ रही। साहब दुनिया समझ गयी अब आपको, ईश्वर बुद्धि दें आपको।”
केजरीवाल ने दावा किया कि स्वतंत्रता के बाद से दिल्ली के लोग ‘‘अन्याय और अपमान’’ का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके द्वारा निर्वाचित सरकार के पास उनके लिए काम करने की शक्ति का अभाव है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘दिल्ली की निर्वाचित सरकार लोगों को न्याय नहीं दे सकती, उनके लिए काम नहीं कर सकती और विकास कार्यो को पूरा नहीं कर सकती क्योंकि उसके पास अधिकारों की कमी है और केन्द्र सरकार उसके कामकाज में बाधा उत्पन्न करती है। क्या दिल्ली के मतदाताओं की कीमत अन्य राज्यों की तुलना में कम है? ’’ केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली पुलिस, नगर निगमों और डीडीए पर नियंत्रण किया हुआ है जिसके कारण लोग ‘‘उच्च अपराध दर, अस्वच्छता और विकास की कमी का सामना कर रहे है।’’ (भाषा इनपुट के साथ)
