नगर निगम चुनाव के तहत आज उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। शुक्रवार शाम को प्रचार खत्म होने तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की सांसें अपने लोकसभा क्षेत्र पर टिकी रहीं। उन्होंने उम्मीदवार की तरह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सभी इलाकों के घरों में जाकर वोट मांगा। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल, मतीन अहमद, भीष्म शर्मा, हसन अहमद व विपिन शर्मा से लेकर भाजपा के पूर्व सांसद लाल बिहारी तिवारी, साहिब सिंह चौहान, नरेश गौड़, मोहन सिंह बिष्ट व जगदीश प्रधान के साथ आम आदमी पार्टी के नेता फतेह सिंह, गोपाल राय और कपिल मिश्र भी यहां दो दिनों तक डेरा डाले रहे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दस विधानसभा क्षेत्रों बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी, रोहताशनगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकुलपुरी, मुस्तफाबाद और करावलनगर में प्रचार की अवधि खत्म होने के बाद भी उम्मीदवार अपने एजंटों के साथ शनिवार देर रात तक व्यस्त रहे। रोहताशनगर विधानसभा के वेलकम कालोनी वार्ड-39 ई से कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रदेश अध्यक्ष रामबाबू शर्मा के नाम पर चुनाव लड़ रहे सुशील तिवारी भाजपा और आप के मुकाबले प्रचार में आगे दिखे। लंबे समय से रामबाबू के साथ रहकर इलाके में समाज सेवा कर रहे तिवारी के रणनीतिकारों में शामिल सुनील कुमार वोहरा का मानना है कि कांग्रेस इस बार भाजपा और आप दोनों को पटखनी देकर सभी निगम वार्डों में सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि आप के तीन साल और भाजपा के निगम के दस साल का काम लोग देख चुके हैं, लिहाजा कांग्रेस इस बार निगम में अच्छी स्थिति में रहेगी। आप ने आरडब्लूए की भागीदारी योजना के बदले मोहल्ला सभा की शुरुआत की और अपने लोगों को उसमें भर दिया। इससे भी आरडब्लूए वाले आप से नाराज हैं। इन्हीं सब कारणों से सुशील की जीत पक्की है।
इसी तरह दिल्ली के कद्दावर नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री एचकेएल भगत, शीला दीक्षित और पूर्व राज्यपाल एचकेएल कपूर को हराने वाले पूर्व सांसद व दिल्ली के मंत्री रहे लालबिहारी तिवारी के पुत्र सूर्यकांत तिवारी की पत्नी दुर्गेश तिवारी को इस बार घोंडा वार्ड-46 ई से टिकट देकर भाजपा ने चुनाव को रोचक बना दिया है। तिवारी ने उत्तरांचल और पूर्वांचल के दस-दस हजार वोटों के साथ अंतिम दिनों में भी कांग्रेस की विद्यावती और आप की पुष्पा देवी के मुकाबले ज्यादा पदयात्राएं और नुक्कड़ नाटक कर प्रचार किया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यरी और बीके टमटा ने भी इनके समर्थन में प्रचार किया। ये लोग स्थानीय मुद्दे से ज्यादा मोदी और योगी के सहारे निगम चुनाव जीतने की फिराक में हैं। कांग्रेस के चौधरी अजीत सिंह दिलशाद गार्डन से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी स्थिति अच्छी है। चौधरी पहले भी निगम पार्षद रह चुके हैं। साल 2012 में वे हार गए थे। इस बार पार्टी ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा तो वे दमखम के साथ अंतिम समय तक लगे रहे। पहली बार निगम चुनाव में उतर रही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भजनपुरा से आशा तोमर, यमुना विहार से रमेश पंडित, सीलमपुर से मसूद अहमद, घोंडा से पुष्पा देवी, गौतमपुरी से अनिल जैन, ब्रह्मपुरी से हेमराज शर्मा, मसूद अली और वेलकम से गुरविंदर सिंह दिल्ली सरकार के कार्यों को भुनाने की तैयारी में अंतिम समय तक लगे रहे। त्रिकोणीय मुकाबले में आप के उम्मीदवार कहीं कांग्रेस तो कहीं भाजपा को सीधी टक्कर दे रहे हैं।

