बिहार में परिवारवाद से कोई राजनीतिक दल अछूता नहीं है। चाहे वह राजद हो, कांग्रेस हो या भाजपा ही क्यों न हो। जमुई से राजग गठबंधन प्रत्याशी अरुण भारती भी परिवारवाद का उदाहरण हैं। नवादा से उम्मीदवार भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर हैं, जो सीपी ठाकुर के बेटे हैं। जो केंद्र में सांसद के साथ मंत्री भी रह चुके हैं।

प. चंपारण से संजय जायसवाल भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इनके पिता मदन जायसवाल सांसद रह चुके हैं। बिहार के वर्तमान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, इनके पिता शकुनि चौधरी मंत्री रहे हैं। और तो और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार निवर्तमान सांसद रविशंकर प्रसाद के पिता ठाकुर प्रसद विधायक व मंत्री रह चुके हैं।

सासाराम से भाजपा प्रत्याशी शिवेश राम पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद मुन्नी लाल के बेटे हैं। मधुबनी से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे अशोक कुमार यादव के पिता हुकुमदेव नारायण यादव पूर्व सांसद हैं। औरंगाबाद के निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह इस दफा भी भाजपा के उम्मीदवार हैं। इनके पिता रामनरेश सिंह सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं 2019 में लोजपा से एक ही परिवार के तीन सांसद थे। रामविलास पासवान, चिराग पासवान, पशुपति पारस।

लोजपा भी राजग का हिस्सा पिछले चुनाव में भी था। और अबकी भी है। हाजीपुर से लड़ रहे चिराग पासवान लोजपा (र) प्रमुख हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं। जमुई से इसी दल के उम्मीदवार अरुण भारती इनके जीजा और पूर्व एमएलसी ज्योति के बेटे हैं। समस्तीपुर से लोजपा (र) से चुनाव लड़ रहीं शांभवी चौधरी बिहार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं।

वैशाली से लोजपा (र) से टिकट पाई निवर्तमान सांसद वीणा देवी के पति दिनेश सिंह एमएलसी हैं। हम पार्टी के गया से चुनाव लड़ रहे जीतनराम मांझी राजग गठबंधन के हैं। और बिहार में इनके बेटे संतोष सुमन मंत्री हैं। ये खुद भी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। और इनकी समधिन ज्योति मांझी विधायक हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव का आरोप है कि बिहार में पहले चरण में जिन सीटों पर औरंगाबाद, नवादा, जमुई, गया पर चुनाव हो रहा है, वे परिवारवाद के ही द्योतक हैं ऐसा नहीं कि राजद ने इसमें कोई कसर छोड़ी है।

हां, आरोप राजद-कांग्रेस पर परिवारवाद का लगता रहा है। जमुई में राजद ने अर्चना रविदास को टिकट दिया है, वे राजद की राजनीति करने वाले मुकेश यादव की पत्नी हैं। जद(एकी) के मुखिया नीतीश कुमार पर भले परिवारवाद न करने का आरोप लगा हो, लेकिन बढ़ावा तो उन्होंने भी दिया है। इनके दल की बानगी देखिए। शिवहर से लवली आनंद चुनाव का टिकट जद (एकी) ने दिया है। इनके पति पूर्व सांसद आनंद मोहन हैं। इनके बेटे चेतन आनंद भी विधायक हैं। पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी लक्ष्मी कुशवाहा सीवान से जद (एकी) टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। बाल्मीकिनगर से टिकट पाए सुनील कुमार पूर्व मंत्री वैद्यनाथ महतो के बेटे हैं।

कांग्रेस के पंजा छाप पर बने किशनगंज के प्रत्याशी निवर्तमान सांसद मो. जावेद के पिता मो. हुसैन आजाद पूर्व मंत्री रह चुके हैं। समस्तीपुर से अशोक कुमार के पिता बालेश्वर राम मंत्री रह चुके हैं। वहीं राजद की तरफ से सुप्रीमो लालू प्रसाद और इनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इनके बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव विधायक हैं। मंत्री व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।

इनकी बेटियां मीसा भारती और रोहणी आचार्य को क्रम से पाटलिपुत्र और सारण से लोकसभा का चुनाव में उतारा है। गया से राजद उम्मीदवार कुमार सर्वजीत बिहार मंत्रिमंडल का सदस्य रहे है। इनके पिता राजेश मांझी जनता दल से सांसद निर्वाचित हुए थे। उजियारपुर से आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता पूर्व मंत्री थे।

राजद विधायक सुधाकर सिंह को बक्सर से राजद ने टिकट दिया है। इनके पिता राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह मंत्री भी रह चुके हैं। बांका के राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव खुद सांसद रह चुके हैं। इनकी बेटी एमएलए का चुनाव तारापुर विधानसभा क्षेत्र से लड़ चुकी हैं। और इनके भाई विजय हवेली खड़गपुर से चुनाव लड़े हैं। अभी कांग्रेस और राजद की टिकटें वितरण का काम चौथे से सातवें चरण के लिए बाकी हैं। और नाम भी परिवारवाद बढ़ाने में जुड़ सकते हैं। लेकिन कोई दल इस दलदल से बचा नहीं हैं।