नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी नागालैंड (Nagaland) राज्य समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी ने कहा कि नागालैंड के प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्रीय नेतृत्व से बिना सलाह लिए नागालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र दिया है। पार्टी इसे उच्च अनुशासनहीनता और मनमानी मानती है।

जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तरपूर्वी क्षेत्रों के लिए पार्टी के प्रभारी अफाक अहमद खान (Afaque Ahmad Khan) ने एक लिखित बयान में कहा, “केंद्रीय नेतृत्व को पता चला है कि हमारी पार्टी के नागालैंड राज्य अध्यक्ष ने केंद्रीय पार्टी से परामर्श किए बिना नागालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र दिया है। यह उच्च अनुशासनहीनता और मनमानी का मामला है। इसलिए पार्टी ने नागालैंड राज्य समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।”

इससे पहले बुधवार को जद (यू) नागालैंड के राज्य अध्यक्ष सेन्चुमो लोथा और इसके एकमात्र विधायक ज्वेंगा सेब ने कोहिमा में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (chief minister Neiphiu Rio) से मुलाकात की थी और उन्हें समर्थन का पत्र सौंपा था। दोनों नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की थी कि वे कोहिमा (Kohima) में उनके आवास पर सीएम से मिले और उन्हें पार्टी के समर्थन का पत्र सौंपा।

बता दें कि जेडीयू के उम्मीदवार ज्वेंगा सेब ने त्सेमिन्यु सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी आरपीआई उम्मीदवार लोगुसेंग सेम्प को 2,563 वोटों से हराया था। जेडीयू ने नागालैंड विधानसभा चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार उतार थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने कथित तौर पर नगालैंड के अपने एकमात्र विधायक को जीत की बधाई भी नहीं दी थी। सोशल मीडिया पर भी ऐसा नहीं है।

एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 60 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा एनसीपी ने 7, एनपीपी ने 5, एनपीएफ ने 2, आरपीआई-ए ने 2, एलजेपी ने 2, जेडी-यू ने 1 और चार निर्दलीयों ने जीत हासिल की है इन सभी ने गठबंधन के लिए समर्थन की घोषणा की और विपक्ष में कोई नहीं बचा।