नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए मंत्रालयों का बंटवारा हो चुका है। चौंकाने वाली बात यह है एनडीए में सबसे बड़े सहयोगियों में से एक जेडीयू का कोई नेता मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हुआ। शुक्रवार (30 मई, 2019) को पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद मोदी कैबिनेट में ना शामिल होने का निर्णय लिया। खबर है कि सरकार में सिर्फ एक मंत्री को शामिल करने के प्रस्ताव से नीतीश खासे नाराज थे। हालांकि उन्होंने साफ किया सरकार में उनके नेताओं के न शामिल होने के बाद भी उनकी पार्टी एनडीए में शामिल रहेगी और मोदी सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।
मोदी की 2.0 वाली कैबिनेट में बिहार जेडीयू नेताओं के न शामिल होने पर आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने सीएम नीतीश पर खूब तंज कसा। उन्होंने कहा कि मोदी अब चुन-चुनकर बदला ले रहे हैं। एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी अपार बहुमत से आए हैं और बिहार के नीतीश कुमार का उनके सामने कोई वजूद नहीं है। नरेंद्र मोदी जानते हैं कि उनके नाम पर चुनाव जीता गया है इसलिए वो जो वो तय करेंगे अगर उसे माना जाएगा तो गठबंधन साथी उनके साथ रहे वरना जो चाहे उन्हें छोड़कर जा सकता है।’
आरजेडी नेता ने आगे कहा, ‘इसका कारण यह है कि नीतीश कुमार जी के बारे में उन्हें याद है कि कैसे उनके भोज का पत्तल छीना गया था। बिहार में भयंकर बाढ़ त्रासदी के दौरान जब गुजरात के सीएम रहते नरेंद्र मोदी ने बिहार सरकार को पांच करोड़ रुपए की मदद भेजी तब इसे नीतीश ने लौटा दिया था। यह सब मोदी भूले नहीं हैं। वह इन सब का बदला चुन-चुनकर लेने का काम कर रहे हैं।’
आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि नीतीश ने बिहार के लोगों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है। वह बिहार के डीएनए पर सवाल उठाने का काम करते थे। फिर भी नीतीश उनकी (मोदी) झोली में जाकर बैठ गए। इसलिए आज इनके साथ ऐसा व्यवहार माननीय प्रधानमंत्री कर रहे हैं तो इसमें दुख की कोई बात नहीं है। केंद्र में पद ना मिलने से बिहार दुखी हो सकता है मगर भाजपा और पीएम मोदी इतना खुश होंगे जिसकी तुलना नहीं किया जा सकता है।
हालांकि केंद्र में बिहार के नेताओं का प्रतिनिधि ना मिलने आरजेडी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बिहार की 11 करोड़ लोगों की जनता का अपमान करने का काम किया है। इसके बारे में पार्टी को सोचना चाहिए। इसलिए मोदी के शपथ ग्रहण के बाद नीतीश को थोड़ी भी शर्म होगी तो वह बिहार में एनडीए से बाहर आ जाएंगे। जेडीयू नेताओं को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार के प्रतिनिधि केंद्र जरूर स्थान दिया जाना चाहिए। दोनों मिलकर एक साथ चुनाव लड़े हैं। लोगों ने गठबंधन को खूब वोट दिया। बिहार के लोगों को तीन मंत्रीपद मिलने की उम्मीद थी।