बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं गन्ना मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद डेढ़ साल बाद फिर चर्चा में हैं। उन्होंने रविवार (20 जनवरी) को जय श्रीराम और हर-हर महादेव का एक बार फिर जय घोष किया। राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले के मैनाटांड प्रखंड अंतर्गत रामपुर्वा गांव के समीप एक नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर रविवार को निकाली गयी करीब दस किलोमीटर की कलश यात्रा में भाग लेने वालों द्वारा जब जय श्रीराम, हर हर महादेव, जय हनुमान आदि भक्तिमय नारे लगाए जा रहे थे तब मंत्री खुर्शीद ने भी जयघोष किया।
खुर्शीद ने कलश यात्रा में भाग लेते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक अनुष्ठान से सभी धर्म के लोगों को आपस में मिलजुलकर रहने की सीख मिलती है। सभी को एक दूसरे के धर्म का आदर करना चाहिए। खुर्शीद ने कहा कि बिहार के साथ-साथ पूरे देश में लोगों को सांप्रदायिक सौहार्द बनाकर रखना चाहिए ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि इस तरह का धार्मिक अनुष्ठान विश्व शांति, मानव कल्याण और आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए किया जाता है। इसलिए ऐसे कार्यक्रम में भाग लेना गलत नहीं है, चाहे आप किसी धर्म के हों।
खुर्शीद के उक्त जयघोष के बारे में उनकी पार्टी जदयू के बिहार विधान परिषद सदस्य गुलाम रसूल बलियावी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता और करता है, हरेक को इसकी आजादी है, उस पर क्या कहना। किसी न किसी बहाने मीडिया में वे बने रहते हैं। बता दें कि खुर्शीद ने भाजपा-जेडीयू गठबंधन की सरकार बनने के बाद जुलाई 2017 में भी जय श्रीराम का जयघोष किया था। इस वजह से वो मुस्लिम धर्मावलंबियों के निशाने पर रहे थे और अपनी इस हरकत को लेकर उन्होंने माफी मांगी थी। एक बार फिर उन्होंने जयघोष कर न सिर्फ सुर्खियां बटोरी हैं बल्कि लोगों को अचरज में भी डाला है।

