मध्य प्रदेश में दो विधानसभा सीटों पर हुआ उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया है। मुंगावली और कोलारस सीटों के लिए 24 फरवरी को मत डाले गए थे। ये दोनों सीटें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभावक्षेत्र में आते हैं। मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ज्योतिरादित्य को कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का सशक्त दावेदार भी माना जा रहा है। वहीं, कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता कमलनाथ भी सीएम प्रत्याशी की दौड़ में शामिल बताए जाते हैं। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने क्षेत्र में विधानसभा की दोनों सीटें जीतकर अपनी दावेदारी को और पक्की करने की जुगत में हैं। इसके साथ ही उपचुनाव के नतीजों से विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता के मूड को भी आंका जा सकेगा। ऐसे में उपचुनावों में जीत से पार्टी में सिंधिया की स्थिति और मजबूत होगी। बता दें कि मुंगावली और कोलारस सीटें कांग्रेस के ही पास थीं। मुंगावली के कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालुखेड़ी की अचानक मौत से चुनाव कराना अनिवार्य हो गया था। वहीं, कोलारस के कांग्रेस विधायक राम सिंह यादव का भी निधन हो गया था। कांग्रेस ने मुंगावली से ब्रिजेंद्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा, जबकि कोलारस से महेंद्र सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।

वर्ष 2017 में चित्रकूट सीट के लिए उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी विजयी रहे थे। ऐसे में मध्य प्रदेश में लगातार राज कर रही भाजपा मुंगावली और कोलारस सीट जीत कर कांग्रेस से अपना हिसाब चुकता करना चाहती है। यही वजह है कि चुनाव प्रचार के सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई जनसभाएं की थीं। इसके साथ ही कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी मुंगावली और कोलारस का दौरा किया था। चुनाव प्रचार के दौरान सीएम शिवराज ने क्षेत्र की जनता को रिझाने के लिए कई वादे भी किए थे। भाजपा मुंगावली से बाईसाब यादव और कोलारस से देवेंद्र जैन को मैदान में उतारा है। बाईसाब पूर्व विधायक देशराज सिंह की पत्नी हैं। भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले दोनों सीटों पर कब्जा कर मध्य प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर से वापसी का संकेत देना चाहती है। गौरतलब है कि इन दोनों क्षेत्रों में सहरिया जनजाति की बहुलता है। मुख्यमंत्री ने कुपोषण से निपटने के लिए अन्य सुविधाओं के साथ 1,000 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी।