पहली बार कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिंधी समुदाय से तीन और जैन समाज से छह उम्मीदवार उतारे हैं। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतारना पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।
जैन और सिंधी दोनों न केवल भाजपा के पारंपरिक वोटबैंक हैं, बल्कि वे प्रमुख फाइनेंसर भी हैं। कांग्रेस पार्टी के जैन उम्मीदवार सागर से निधि जैन, मुरवाहा से मिथलेश जैन, महिदपुर से दिनेश जैन, मंदसौर से विपिन जैन, बासौदा से निशंक जैन और गरोठ से सुभाष सोजतिया हैं। वहीं सिंधी समुदाय से कांग्रेस ने हुजूर से नरेश ज्ञानचंदानी, इंदौर-4 से राजा मंधवानी और सिवनी से आनंद पंजवानी को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सिंधी और जैन उम्मीदवारों को बड़ा प्रतिनिधित्व देकर पार्टी न केवल इन 9 निर्वाचन क्षेत्रों में बल्कि कई अन्य सीटों पर भी इन समुदायों के वोट लुभा सकती है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य के कम से कम 70% विधानसभा क्षेत्रों में इन समुदायों का वोट है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, “जहां भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है, खासकर उन सीटों पर जहां 500 से 1500 वोटों का मामूली अंतर है, वहां 1% वोटों का स्विंग हमें जीत दिला सकता है।”
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने तर्क देते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी सभी समुदायों को अच्छा प्रतिनिधित्व देना चाहती है। जहां भी जीतने योग्य उम्मीदवार और बड़ा वोटबैंक होगा, हम अल्पसंख्यक समुदायों को टिकट देने से नहीं हिचकिचाएंगे। भाजपा के विपरीत हम किसी समुदाय को प्रतिनिधित्व दिए बिना उनका वोट नहीं लेते हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा जैन और सिंधी समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट देने से यह संदेश जाता है कि जहां भाजपा वोट लेगी और धोखा देगी, वहीं कांग्रेस टिकट वितरण में भी न्याय करेगी।
वहीं कांग्रेस के कदम पर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेयी ने कहा, ”भाजपा हर समुदाय को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और उसकी सरकारें देश के विकास के लिए हैं। हम कभी भी जाति, पंथ और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। हम एक भारत में विश्वास करते हैं।”
