Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी को पीएम पद से हटाने के लिए INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है। इस बैठक से ठीक पहले बीएसपी अध्यक्ष ने ऐसा बयान दिया है, जिसे यूपी में कांग्रेस और सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार सुबह कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।

बीएसपी चीफ मायावती (BSP Chief Mayawati) ने बुधवार को सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट किया कि NDA और I.N.D.I.A. गठबंधन में अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध BSP लगातार संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

उन्होंने आगे कहा कि BSP, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आने वाले लोकसभा और चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी।

‘BSP से गठबंधन के लिए सभी आतुर’

मायावती ने अपने बयान में आगे कहा कि वैसे तो BSP से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह BJP से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी।

इमरान मसूद को पार्टी से क्यों ने निकाला?

मायावती के बयान में इमरान मसूद का भी जिक्र किया गया है। उन्होंने इमरान मसूद का नाम लिए बिना कहा कि बीएसपी से निकाले गए सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?

2019 में सपा के साथ बीएसपी का गठबंधन

लोकसभा चुनाव 2019 में बीएसपी और सपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में ये दोनों दल बीजेपी को साफ कर देने का दावा कर रहे थे लेकिन गठबंधन के बावजूद इन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ था। बीएसपी को 2019 लोकसभा चुनाव में मात्रा 10 सीटें मिली थीं जबकि सपा सिर्फ 5 सीटों पर परचम लहराने में सफल रही थी। इस चुनाव के बाद बीएसपी ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया था। 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी।