Madhya Pradesh Assembly Election Results: मध्य प्रदेश की शिवपुरी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपना दबदबा बना लिया है। इसके साथ ही इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र कुमार जैन ने जीत हासिल कर ली है। उन्होंने कांग्रेस के केपी सिंह को 43,030 वोटों से हरा दिया है। बता दें कि देवेंद्र कुमार जैन तो कुछ 112324 वोट मिल है,जबकि केपी सिंह को 69294 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी नेता यशोधरा राजे सिंधिया ने जीत दर्ज की थी।

मध्य प्रदेश की शिवपुरी सीट बीजेपी और सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में जानी जाती है। जिले के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 3 सीटों पर कांग्रेस तो 2 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। खास बात यह है कि इस सीट पर यशोधरा राजे सिंधिया विधायक चुनी जाती रही हैं। शिवपुरी सीट से विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी। पर पार्टी ने आखिर में शिवपुरी सीट से देवेंद्र कुमार जैन को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस की ओर से केपी सिंह ने चुनौती पेश की।

क्या था विधानसभा चुनाव 2018 का परिणाम?

2018 के चुनाव में शिवपुरी सीट के प्रदर्शन को देखें तो बीजेपी यशोधरा राजे सिंधिया को 84,570 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के सिद्धार्थ लाढ़ा के खाते में 55,822 वोट गए थे। इस तरह से यशोधरा राजे ने यह चुनावी जंग 28,748 मतों के अंतर से जीत ली थी। 2018 के चुनाव में इस सीट पर कुल 2,40,528 वोटर्स थे जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,27,586 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 1,12,933 थी। इसमें कुल 1,62,183 (68.3%) वोटर्स ने वोट डाले थे।

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता

शिवपुरी सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यह सीट यशोधरा राजे सिंधिया की वजह से जानी जाती है। 1990 से लेकर अब तक कांग्रेस को महज एक ही सीट पर जीत मिली है। जबकि बीजेपी को 6 बार जीत मिली है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। मध्य प्रदेश के वीआईपी विधानसभा सीटों में से एक शिवपुरी विधानसभा पर पिछले 25 साल से भाजपा का कब्जा रहा है। साल 1998 से यहां भाजपा जीतती रही है। 1998, 2003, 2013, और 2018 में, भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया इस क्षेत्र से विधायक रही हैं।

वहीं, दूसरी ओर केपी सिंह भी कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। केपी सिंह ने पिछोर से पहली बार विधानसभा चुनाव 1993 में लड़ा था। उसके बाद से वो अभीअब तक लगातार 6 बार से जीत रहे हैं। शिवपुरी सीट की खासियत यह है कि यहां पर जातिगत समीकरण खास मायने नहीं रखता है। यहां पर राजमहल का असर साफ दिखता है।