मध्यप्रदेश में मतदान के बाद गुरुवार सुबह से राजनीतिक दलों के दफ्तरों से लेकर नेताओं के आवासों तक के नजारे बदले हुए हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता ईवीएम पर नजर रखने के लिए रातभर जागेंगे। राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार को मतदान हो चुका है और लगभग 75 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग दो प्रतिशत ज्यादा रहा। एक तरफ राजनीतिक दलों के लिए मतदान का प्रतिशत बढ़ना सवाल खड़े कर रहा है तो दूसरी ओर लगातार प्रचार में सक्रिय रहने की थकान हावी है।

कमलनाथ ने स्वयं माना है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के सामने रातभर जागकर ईवीएम पर नजर रखेंगे और स्वयं आराम करेंगे, क्योंकि धुआंधार प्रचार की थकान अभी नहीं उतरी है। कमलनाथ ने कहा कि वे सात माह से सक्रिय हैं, अब आराम करेंगे, मगर फोन पर उपलब्ध रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह आराम देश में या देश के बाहर करेंगे, उनका जवाब मिला, “संपर्क में रहूंगा।” इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कमलनाथ की सेहत को लेकर तंज कसा था और कहा था कि उन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए।

कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने कार्यकर्ताओं को स्ट्रांग रूम पर नजर रखने की अनुमति दे दी है। इसके लिए पार्टी की ओर से कार्यकर्ता वहां तैनात किए जाएंगे। एक तरफ जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम पर नजर रखे हुए हैं, वहीं बड़े नेता आराम करने चले गए हैं। जिन लोगों ने अपने-अपने दल के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा है, वे गुरुवार को राहत महसूस कर रहे हैं।

भोपाल से भाजपा के उम्मीदवार सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा, “गुरुवार का दिन पिछले दिनों से अलग है, सुबह अखबार पढ़ा है, चुनाव प्रचार की चिंता नहीं हैं। अब तो समीक्षा होगी कि मतदान का प्रतिशत किस क्षेत्र में कितना रहा।” मतदान के बाद पार्टी दफ्तरों और उम्मीदवारों के घरों का हाल ठीक वैसा ही है, जैसे विवाह वाले घर से बेटी की विदाई के बाद उसके घर का हाल होता है। सामान अस्त-व्यस्त हैं, चहल-पहल पहले के मुकाबले कहीं कम है।