Madhya Pradesh Result: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में काफी मेहनत की है। चुनाव में अखिलेश यादव ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं। हालांकि चुनावी नतीजों से पार्टी को निराशा हाथ लगी है। सपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई है। सपा के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी है कि अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी के प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। उसे कई चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
नोटा से भी कम मिले वोट
सपा को मध्य प्रदेश के चुनाव में बड़ा झटका लगा है। उसे नोटा से भी कम वोट मिले हैं। इस बार उसे सिर्फ 0.46 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि नोटा को सपा के दोगुनी यानी 0.98 फीसदी वोट मिले हैं। सपा ने मध्य प्रदेश में कुल 69 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 43 सीट ऐसी हैं जिन पर सपा को एक हजार से भी कम वोट मिले हैं। इनमें से किसी भी सीट पर सपा का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर भी नहीं रहा। इससे पहले 1998 में सपा को एमपी में चार सीटों पर जीत मिली थी। उसका वोट प्रतिशत भी 1.58 फीसदी रहा था। वहीं 2007 में सपा को कुल 3.7 फीसदी वोट मिला। 2013 के विधानसभा चुनाव में सपा को कोई तो नहीं मिली लेकिन उसका वोट शेयर 1.2 फीसदी रहा।
अखिलेश यादव ने की ताबड़तोड़ रैलियां
अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के प्रचार में पूरी ताकत लगा दी थी। अखिलेश यादव ने 6 दिनों तक ताबड़तोड़ प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कुल 24 रैलियां कीं। इसके अलावा रोड और रथ यात्रा भी की। हालांकि इसका असर चुनावी नतीजों में देखने को नहीं मिला। अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी और मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने भी कई विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां कीं।
4 सीटों पर बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
सपा ने चार सीटों पर कांग्रेस का ही खेल बिगाड़ दिया है। जतारा, चंदला, जतारा, बहोरीबंद और निवाड़ी सीट पर सपा ने कांग्रेस के वोट काट दिए। इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार को जीत हुई है। इन सीटों पर हार-जीत का अंतर काफी कम रहा है। अगर इन सीटों पर सपा का प्रत्याशी खड़ा ना होता तो चुनावी नतीजे बदल भी सकते थे।