लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। इटावा लोकसभा सीट चर्चा में बनी हुई है। वैसे तो इटावा लोकसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती थी लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां पर बीजेपी का कब्जा है। बसपा के संस्थापक कांशीराम 1991 में इटावा से सांसद बने थे। आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने राम शंकर कठेरिया को इटावा से प्रत्याशी बनाया है।

सपा के गढ़ में बीजेपी ने लगाई सेंध

इटावा से सबसे अधिक चार-चार बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव जीता है। वर्तमान में इटावा से सांसद भाजपा के राम शंकर कठेरिया हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राम शंकर कठेरिया को इटावा से टिकट दिया था और वह जीत कर संसद पहुंचे थे। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अशोक दोहरे को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी।

लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी

PARTYCandidate
BJPRam Shankar Katheria
SP
BSP

इटावा का जातीय समीकरण

इटावा दलित बहुल इलाका है और यहां पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। इटावा में चार लाख करीब दलित वोटर जबकि ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 2 लाख 50 हजार है। वहीं क्षत्रिय वोटरों की संख्या भी एक लाख पचास हजार के करीब है। इसके अलावा यादव 2 लाख, लोधी 1 लाख और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी एक लाख है।

इटावा 2019 चुनाव के नतीजे

PARTYCandidateVotesनतीजे
BJPRam Shankar Katheria522,119जीत
SPKamlesh Katheria4,67,038
INCAshok Dohre16,570

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राम शंकर कठेरिया को 5,22,119 वोट मिले थे जबकि समाजवादी पार्टी के कमलेश कठेरिया को 4,57,682 वोट मिले थे। इस तरह से रामशंकर कठेरिया की 64 हजार वोटों से जीत हुई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवार की जीत डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हुई थी।

इटावा 2014 चुनाव के नतीजे

PARTYCandidateVotesनतीजे
BJPAshok Kumar Dohre4,31,646जीत
SPPrem Das Katheria2,66,700
BSPAjay Pal Yadav1,92,804