Loksabha Elections 2019: कांग्रेसी नेता नवोज सिंह सिद्धू और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच कभी भाई-बहन जैसा रिश्ता था। सिद्धू उनसे राखी तक बंधवाया करते थे। हाल ही में इस बात का खुलासा खुद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने किया। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि अब सिद्धू के साथ पहले जैसी बात नहीं रही। बोलीं- अच्छा नहीं लगता है कि लोग ऐसा ढोंग करते हैं। वे सामने तो नाटक करते हैं, पर पीठ पीछे जाकर छुरा मारते हैं।
‘टाइम्स नाऊ’ से बातचीत में केंद्रीय मंत्री बोलीं, “मुझे उनके बारे में कुछ नहीं कहना है। वह जब बीजेपी में थे, उन्होंने कई बार लोगों के सामने कहा- तुम (स्मृति) मेरी बहन हो। उन्होंने मुझे राखी बंधवाई। मेरे लिए वह निजी विषय हो गया है। मुझे कभी समझ में नहीं आता है कि लोग इस प्रकार के संबंध का ढोंग करते हैं। फिर पीठ पीछे जाकर छुरा मारते हैं। छोड़ दीजिए…अरुण जेटली ने उस व्यक्ति के लिए जितना काम किया है, मैं जानती हूं।”
बकौल स्मृति, “मैं आज सार्वजनिक तौर पर बोल रही हूं कि उस आदमी पर अरुण जेटली के जितने अहसान हैं, वह कम होगा जिंदगी में। और उन्होंने (सिद्धू) जो किया है, मैं उस पर कुछ नहीं बोलना है।” यह पूछे जाने पर कि उन्होंने (सिद्धू) कहा था- एक गलत वोट पड़ने पर कि आपके बच्चे चाय वाले या पकौड़े वाले बनेंगे? देखें, और क्या बोलीं बीजेपी नेताः
I regret that I sent Navjot Singh Sidhu a rakhi: Union Minister @smritiirani in conversation with @navikakumar. | #FranklySpeakingWithSmriti
Watch the full interview today at 1:30 PM & 11:30 PM. pic.twitter.com/WvksehQ6lg
— TIMES NOW (@TimesNow) May 4, 2019
केंद्रीय मंत्री ने इस पर एंकर को जवाब दिया, “उन्होंने अपने संस्कारों का परिचय दे दिया है। ऐसा है, मैंने अपने जीवन की शुरुआत 200 रुपए से की है। मैंने भी कहीं सड़क पर खड़े होकर सामान बेचा है। मैक्डॉनल्ड्स में पोंछा लगाया है। इज्जत से काम शर्म की बात नहीं है। वह फक्र की बात है। अगर कोई नाई है, कोई पान की दुकान चलाता है, उसमें शर्म की बात नहीं है। आप भी शूटिंग करती हैं, आपके यहां भी कोई सामान उठाता है, वह क्या आपसे ओहदे में कम हो जाएगा।”
उनके मुताबिक, “सिद्धू साहब का क्या कहने का मतलब है? देश में जो मजदूरी करते हैं, उनकी औकात कम है? मुझे इसलिए उन पर कुछ नहीं कहना है, क्योंकि मैंने वह दगाबाजी देखी है। मेरे लिए वह निजी है। मुझे इस बात का शोक और अफसोस है कि मैंने उन्होंने कभी राखी भेजी। अब मैं नहीं भेज पाऊंगी। जो सिखों के कत्लों पर जाकर सिर झुका दे और जो पाकिस्तान को सर्टिफिकेट भेज दे, मैं उसे राखी नहीं भेज सकती।”