Loksabha Elections 2019: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता मेनका गांधी के विवादित बयान पर चुनाव आयोग (ईसी) ने सख्त रवैया अपनाया है। सोमवार (29 अप्रैल, 2019) को ईसी ने केंद्रीय मंत्री को एक चिट्ठी के जरिए कहा, “मामले से जुड़े सबूतों और सामग्री के आधार पर हम आपके द्वारा ऐसे बयानों (14 अप्रैल, 2019 को सुल्तानपुर के सरकोदा गांव में) की कड़ी निंदा करते हैं। साथ ही चेताते हैं कि भविष्य मेंइत प्रकार की चीजें न दोहराई जाएं।”
‘पीटीआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईसी ने सुल्तानपुर में केंद्रीय मंत्री के ‘एबीसीडी’ वाले बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें मेनका ने चेताते हुए कहा था कि जहां से उन्हें वोट नहीं मिलेगा, वहां सरकारी काम-काज प्रभावित होगा। ईसी ने इसी के साथ उन्हें भविष्य में इस तरह का बयान देने से बचने की हिदायत दी। ईसी के आदेश के मुताबिक, मेनका ने न केवल चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया। बल्कि वह रीप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट से भी गलत तरीके से पेश आईं।
यूपी के सुल्तानपुर स्थित सरकोदा गांव में 14 अप्रैल को मेनका ने कहा था, “हम पीलीभीत में हर बार जीते, ऐसे में क्या पैमाना है, जो एक गांव के लिए अधिक काम करें और दूसरों के लिए कम?” उनके मुताबिक, यह पैमाना हो कि हम सभी गांवों को ए, बी, सी और डी की तरह अलग कर लें। फिर जहां 80 फीसदी वोटिंग हुई हो उसे ए, जहां 60 फीसदी वोट पड़ें हो उसे बी, जिस गांव में 50 फीसदी वोटिंग हुई हो उसे सी माना जाए।
इतना ही नहीं, उन्होंने उसी फॉर्म्युले के तहत कहा कि विकास संबंधी कार्य ए श्रेणी वाले गांवों में पहले हों। उसके बाद बी की बारी फिर और उसके बाद बाकी की श्रेणियों को क्रम में रखते हुए काम किया जाए। इससे पहले, मेनका ने मुसलमानों को लेकर एक बयान दिया था, जिसे लेकर खूब हो-हल्ला हुआ था।
मेनका ने तब कहा था, “मैं जीत रहीं हूं। इसमें कोई दो राय नहीं है। पर मेरी जीत मुस्लिमों के बगैर होगी, तब मुझे कतई अच्छा नहीं लगेगा। दिल खट्टा हो जाता है। मुसलमान काम के लिए आता है, तब मैं सोचती हूं कि रहने ही दो।” उनके मुताबिक, “मैं दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं। ऐसे में आपको भी आगे बढ़ना होगा। मैं चुनावी जीतूंगी, जिसके बाद आपको मेरी जरूरत होगी। मुझे पता चलेगा कि आपके 100 या 200 वोट मुझे मिले हैं, तब मेरा आपके प्रति रवैया भी वैसा ही रहेगा।”
बकौल मेनका, “हम महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हैं। हम केवल देते ही थोड़े रहेंगे और चुनाव में मार खाएंगे।” केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें घेरने का खूब प्रयास किया था।हालांकि, सफाई में वह बोलीं थीं- मेरे जिस बयान पर हो-हल्ला मचाया जा रहा है, वह अधूरा है। पूरे पर तो चर्चा हो ही नहीं रही। मेनका ने इस बयान के बाद एक बार फिर कहा था कि उन्हें जहां से अधिक वोट मिलेंगे, वहीं अधिक काम भी किया जाएगा।