प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ काशी से इस बार तेलंगाना के लगभग 50 किसान आम चुनाव लड़ सकते हैं। निजामाबाद जिले से ताल्लुक रखने वाले ये किसान हल्दी की खेती करते हैं। इनमें महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोग शामिल हैं। ये किसान 28 अप्रैल को नामांकन-पत्र दाखिल करेंगे, जबकि इनसे दो दिन पहले पीएम मोदी 26 तारीख को पर्चा भरेंगे। बता दें कि वाराणसी में 19 मई को वोटिंग होगी।
‘मुंबई मिरर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये किसान निजामाबाद में हल्दी से जुड़े बोर्ड की स्थापना कराना चाहते हैं। साथ ही वे हल्दी व लाल ज्वार के बदले उचित मूल्य पाने की भी लंबे समय से मांग उठा रहे हैं। ऐसे में चुनाव लड़कर वे देश का ध्यान अपनी समस्याओं और चुनौतियों की ओर लाना चाहते हैं।
हालांकि, इस पहल को छेड़ने वाला ऑल इंडिया टर्मरिक फार्मर्स एसोसिएशन फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है कि आखिर पीएम के खिलाफ कितने किसान चुनावी मैदान में उतरेंगे।
अंग्रेजी अखबार को एसोसिएशन के अध्यक्ष दैवसिगमनी ने बताया, “हम कम से कम 50 उम्मीदवार उतारना चाहते हैं, जिसमें महिलाएं, अनुसूचित जाति और समाज के बाकी तबकों से लोग शामिल होंगे। यह संख्या कितनी होगी, फिलहाल इसी पर विचार-विमर्श जारी है। हर दावेदार के लिए हम स्थानीय वोटरों से राय ले रहे हैं और उनके हस्ताक्षर भी। हम इसके अलावा कुछ पैसे भी इक्कट्ठा करने होंगे।”
इससे पहले, तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता के खिलाफ निजामाबाद (11 अप्रैल को मतदान हुआ) से तकरीबन 178 किसान चुनावी ताल ठोंक चुके हैं। चूंकि, चुनाव आयोग को इतने सारे उम्मीवारों के बारे में जानकारी नहीं थी, लिहाजा उसे भी हर बूथ पर 12 ईवीएम लगानी पड़ीं, जिनमें 185 उम्मीदवारों (किसानों के साथ अन्य दलों के नेता भी) के नाम थे।