लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में काफी उथल-पुथल मच गई है। सबसे पहले ममता बनर्जी को 12 लोकसभा सीटों का नुकसान हुआ। अब टीएमसी में भगदड़ मच गई है। मंगलवार (28 मई) को पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु सहित दो विधायक और 50 काउंसलर टीएमसी छोड़ नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही सीपीएम के एक विधायक ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली। सभी नेता भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय तथा मुकुल रॉय के समक्ष दिल्ली स्थिति मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए।
इस मौके पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “जिस तरह से पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुए, उसी तरह भाजपा में नेता भी सात चरणों में शामिल होंगे। अभी पहला चरण पूरा हुआ है। छह चरण और है।” समारोह की शुरूआत से पहले उन्होंने घोषणा किया था कि इस तरह से आगे भी नेता भाजपा में शामिल होते रहेंगे।
टीएमसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पहले कभी ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले और वर्तमान भाजपा नेता मुकुल राय ने कहा कि बंगाल की जनता ने भाजपा को समर्थन देने का मन बना लिया है। यहां यह भी बता दें कि मुकुल रॉय के पुत्र सुभ्रांशु को टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में छह साल के लिए निष्काषित कर दिया था। अब वे भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
भाजपा नेता अनिल बलूनी ने बताया कि पार्टी में शामिल होने वाले अन्य विधायकों में तृणमूल कांग्रेस के तुषारक्रांति भट्टाचार्य और माकपा के देवेन्द्र नाथ राय शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य पार्षद पार्टी में शमिल हुए। तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाने में मुकुल राय की भूमिका मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के शानदार प्रदर्शन में मुकुल राय प्रमुख शिल्पकारों में रहे हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती जबकि तृणमूल कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 22 पर आ गई। (एजेंसी इनपुट के साथ)